Premanand Ji Maharaj: काफी लंबे समय से वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज बीमार चल रहे हैं. लाखों दिलों में राज करने वाले शख्स किडनी की समस्या से जूझ रहे हैं. जिसकी वजह से देश-विदेश में उनके लाखों अनुयायी मायूस हैं और ऐसे में उनकी सेहत को लेकर प्रार्थना कर रहे हैं. इस बीच, प्रेमानंद महाराज ने कहा है कि उनकी इच्छा है कि हर जन्म में किडनी फेल हो जाए. उन्होंने अपनी इस इच्छा का एक दिलचस्प कारण भी बताया. बाबा बागेश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री प्रेमानंद महाराज से आशीर्वाद लेने और उनका हालचाल जानने के लिए केली कुंज आश्रम पहुंचे थे. इस दौरान प्रेमानंद महाराज के स्वास्थ्य को लेकर काफी चर्चा हुई. इस दौरान बाबा बागेश्वर ने प्रेमानंद महाराज से कहा कि वो बीमार नहीं हैं, बल्कि यह उनकी लीला है. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की यह बात सुनकर प्रेमानंद महाराज ठहाका लगाकर हंसने लगे. वहीं एक सवाल के जवाब में प्रेमानंद महाराज ने कहा कि किडनी फेल होने से उन्हें जो मिला, वो साधना से नहीं मिला.
जानिये क्या बोले प्रेमानंद जी महाराज
इस दौरान प्रेमानंद महाराज ने कहा, ‘ईश्वरीय शक्ति है, जब ईश्वर का चिंतन होता है तो कोई प्रतिकूलता नहीं रहती. सभी प्रतिकूलताएँ अनुकूल हो जाती हैं. किसी भी अभ्यास ने हमें उतना उपकार नहीं दिया जितना किडनी ने दिया. जब किडनी खराब हो गई तब हमें एहसास हुआ कि हमें समर्पण करना होगा. असली हाथ उठे थे कि अब तुम किसी लायक नहीं रहे, अब तुम मर चुके हो. प्रिय, अब तुम ही एकमात्र शक्ति हो. बस यहीं से सब ठीक हो गया. यह अभ्यास के कारण नहीं था, यह तब ठीक था जब अभ्यास का अहंकार समाप्त हो गया. मैं यह अभ्यास करता हूँ, मैं वो अभ्यास करता हूँ और जब शरीर अभ्यास के योग्य नहीं रहा तब हम उससे गुजरे. बस इसी से हमारे जन्म-जन्मांतर के कष्ट दूर हो गए.’
हर जन्म मेरी किडनी खराब हो- (Premanand Ji Maharaj)
इतना ही नहीं इस दौरान उन्होंने आगे कहा, ‘अब वो कहते हैं कि मुझे बार-बार जन्म लेना चाहिए और हर बार मेरी किडनी खराब हो जानी चाहिए. और मुझे प्रिया और प्रीतम के प्रभाव में रहना चाहिए. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. प्रिया और प्रीतम मेरा दिल चुरा लें, इससे बड़ा कोई लाभ नहीं है. वो इसे तभी चुराएंगे जब मैं किसी चीज के लायक नहीं रहूंगा. जब मुझे भीतर से लगा कि अब मैं चला गया, अब मैं किसी चीज के लायक नहीं रहा. वो कैसे होगा, तब लाडली जी ने कहा कि यह केवल मेरे लिए है, मैं इसे करूंगी. यदि आप स्थिति देखते हैं, तो यह बहुत गंभीर और दर्दनाक है. दैनिक दिनचर्या रात के 1 बजे शुरू होती है, बाकी 9 बजे होता है. श्रीजी एक ऐसी दिनचर्या चला रहे हैं जो स्वस्थ शरीर से भी अधिक कठिन है, यह एक महान आशीर्वाद है.’
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