हेलमेट बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी स्टीलबर्ड हाई-टेक इंडिया लिमिटेड ने एक बार फिर अपनी ताकत साबित की है. कंपनी ने इस वित्त वर्ष 2025-26 की सिर्फ छह महीनों में ही 47.3 लाख हेलमेट बना डाले हैं. यह आंकड़ा न केवल उनकी प्रोडक्शन कैपेसिटी को दिखाता है, बल्कि उनकी बढ़ती मांग का भी सबूत है. अब कंपनी का बड़ा लक्ष्य है — इस पूरे वित्त वर्ष में 1 करोड़ यूनिट्स की बिक्री और 1000 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल करना. यह महत्वाकांक्षी लक्ष्य दिखाता है कि स्टीलबर्ड भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में रोड सेफ्टी और इनोवेशन दोनों में अग्रणी है.
15 नए हाई-टेक हेलमेट लॉन्च होंगे
स्टीलबर्ड आने वाले महीनों में बाजार में 15 नए हेलमेट मॉडल लॉन्च करने की तैयारी में है. इन हेलमेट्स को खासतौर पर राइडर्स की जरूरतों और सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है. इनमें ब्लूटूथ कनेक्टिविटी होगी, जिससे राइडर कॉल रिसीव कर सकेंगे या म्यूज़िक सुन सकेंगे. इसके अलावा, इसमें एडवांस्ड वेंटिलेशन सिस्टम दिया गया है ताकि गर्मी में भी ठंडक और आराम महसूस हो. कंपनी ने इन हेलमेट्स को हल्के और मजबूत कंपोजिट मटीरियल से तैयार किया है, जिससे ये न केवल टिकाऊ हैं बल्कि सिर पर पहनने में भी बेहद आरामदायक होंगे. डिज़ाइन को ग्राहकों की बदलती पसंद और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों के हिसाब से तैयार किया गया है.
आधुनिक तकनीक से हो रहा निर्माण
हिमाचल प्रदेश के बद्दी स्थित स्टीलबर्ड के हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स में ऑटोमेशन और रोबोटिक वाइजर सिस्टम्स जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है. यहां पर एक साथ कई हेलमेट लाइनें काम करती हैं, जिससे उत्पादन तेज़ी से बढ़ता जा रहा है. कंपनी ने हाल ही में अपने Steelbird Rider Shop नेटवर्क का भी विस्तार किया है. अभी तक पूरे भारत में 300 से ज्यादा नई दुकानें खोली जा चुकी हैं और कंपनी का लक्ष्य है कि जल्द ही यह संख्या 1000 स्टोर्स तक पहुंचाई जाए. यह विस्तार न सिर्फ बिक्री बढ़ाएगा, बल्कि ग्राहकों को कंपनी के ओरिजिनल और क्वालिटी प्रोडक्ट्स भी आसानी से मिल सकेंगे.
रोड सेफ्टी पर विशेष ध्यान
कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव कपूर का कहना है कि स्टीलबर्ड केवल इसलिए दुनिया की सबसे बड़ी हेलमेट निर्माता कंपनी नहीं है क्योंकि यह सबसे ज्यादा हेलमेट बनाती है, बल्कि इसलिए भी क्योंकि यह रोड सेफ्टी को अपनी प्राथमिकता बनाती है. उन्होंने कहा, “हमारा हर हेलमेट एक जान बचाने का वादा है.” यही सोच स्टीलबर्ड को दूसरों से अलग बनाती है. जब कंपनी 1 करोड़ हेलमेट के प्रोडक्शन और 1000 करोड़ रुपये के राजस्व के लक्ष्य की ओर बढ़ रही है, तब वह यह भी सुनिश्चित कर रही है कि हर उत्पाद सुरक्षा, स्टाइल और टेक्नोलॉजी का बेहतरीन संयोजन पेश करे.
भारत से लेकर विदेशों तक स्टीलबर्ड की पकड़
स्टीलबर्ड की सफलता केवल भारत तक सीमित नहीं है. इसके हेलमेट्स आज दुनियाभर के देशों में एक्सपोर्ट किए जा रहे हैं. कंपनी के लगातार इनोवेशन और क्वालिटी पर फोकस ने इसे ग्लोबल लेवल पर एक भरोसेमंद ब्रांड बना दिया है. जैसे-जैसे भारत में टू-व्हीलर की संख्या बढ़ रही है, वैसे-वैसे हेलमेट की मांग भी तेजी से बढ़ रही है — और स्टीलबर्ड इस बढ़ती जरूरत को पूरा करने के लिए पूरी तरह तैयार है.