Sunjay Kapoor Property Case : बॉलीवुड एक्ट्रेस करिश्मा कपूर के पूर्व पति और फेमस बिजनेसमैन संजय कपूर की मृत्यु के बाद उनकी संपत्ति को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब ये मामला दिल्ली हाई कोर्ट तक पहुंच चुका है, जहां करिश्मा कपूर के बच्चों ने पिता की वसीयत को ही फर्जी बता दिया है.
करिश्मा कपूर के बच्चों की तरफ से केस लड़ रहे जाने-माने वकील महेश जेठमलानी ने अदालत में वसीयत की वैधता पर कई बड़े सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने दलील दी कि संजय कपूर की जिस वसीयत को अदालत में पेश किया गया है, उसकी भाषा और शर्तें बिल्कुल भी संजय कपूर जैसी नहीं लगतीं.
वसीयत में मां रानी कपूर का जिक्र क्यों नहीं?
महेश जेठमलानी ने ये भी बताया कि वसीयत में लिखा गया है “मेरे सभी वसीयतदारों को”, लेकिन इसमें संजय कपूर की मां रानी कपूर का नाम नहीं है. जबकि पहले की वसीयतों में उन्हें हमेशा संपत्ति में हिस्सा मिलता रहा है. ये बात वसीयत के नकली होने की ओर इशारा करती है.
स्त्रीलिंग शब्दों का किया गया है प्रयोग
वसीयत की भाषा पर सवाल उठाते हुए जेठमलानी ने बताया कि इसमें जगह-जगह ‘वो’ और ‘उसकी’ जैसे स्त्रीलिंग शब्दों का इस्तेमाल किया गया है. उन्होंने ये भी कहा कि इससे ऐसा प्रतीत होता है कि संजय कपूर ने महिला के रूप में साइन किए हैं, जो पूरी तरह से असंभव और बेतुका है.
‘डिजिटल भूत’ और फर्जी दस्तावेज का आरोप
जेठमलानी ने कोर्ट में ये भी कहा कि ये वसीयत एक डिजिटल दस्तावेज के रूप में पेश की गई है, जिसमें न तो संजय कपूर की कोई हस्तलिखित चीज है, न कोई तस्वीर और न ही कोई साफ गवाही. उन्होंने वसीयत को ‘डिजिटल भूत’ (Digital Ghost) बताया और कहा कि इसमें केवल एक कथित डिजिटल फूटप्रिंट (Digital Footprint) दिखाया गया है.
वसीयत किसने बनाई
वकील ने ये भी आरोप लगाया कि इस वसीयत को किसने तैयार किया, इसका कोई साफ जवाब नहीं मिला है. न तो गवाहों ने और न ही प्रतिवादियों ने इसकी जानकारी दी है. अनुमान लगाया जा रहा है कि ये दस्तावेज किसी नितिन शर्मा नामक व्यक्ति के लैपटॉप पर तैयार किया गया, जो अपने आप में संदेह पैदा करता है.
संपत्ति विवाद की अगली सुनवाई पर सबकी नजर
ये मामला अब और पेचीदा होता जा रहा है. संजय कपूर की करोड़ों की संपत्ति को लेकर कोर्ट में चल रही बहस में कई नए तथ्य सामने आ सकते हैं. अगली सुनवाई में यह देखना दिलचस्प होगा कि अदालत इस वसीयत को असली मानती है या बच्चों के दावों को सही ठहराती है.