Mutual Fund Silver ETF: टाटा म्यूचुअल फंड (Tata Mutual Fund) ने मंगलवार को कई अन्य म्यूचुअल फंड हाउसों के साथ मिलकर अपने टाटा सिल्वर ईटीएफ फंड ऑफ फंड (Tata Silver ETF Fund of Fund) में नए निवेश को अस्थायी रूप से रोकने का फैसला किया है. ऐसा घरेलू बाजार में भौतिक चांदी की कमी और और अंतरराष्ट्रीय कीमतों की तुलना में भारत में चांदी के दामों का ज़्यादा होना बताया गया है.
कब से लागू होगा यह रोक?
यह निलंबन 14 अक्टूबर 2025 से लागू होगा और यह योजना में एकमुश्त खरीदारी, स्विच-इन और सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान ( SIP) और सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान (STP) के नए रजिस्ट्रेशन पर लागू होगा.
क्यों लिया गया यह फैसला?
फंड हाउस ने कहा है कि यह कदम सावधानी के तौर पर उठाया गया है ताकि निवेशकों को किसी तरह के गलत या असंतुलित मूल्यांकन (mispricing) से बचाया जा सके. टाटा म्यूचुअल फंड ने अपने बयान में कहा कि “घरेलू बाजार में चांदी की कमी और ऊंचे दामों के कारण चांदी अंतरराष्ट्रीय कीमतों से प्रीमियम पर ट्रेड कर रही है. यह प्रीमियम सीधे स्कीम के मूल्यांकन (NAV) को प्रभावित करता है,”.
क्या अब भी कुछ लेन-देन हो सकेंगे?
हालांकि नए सब्सक्रिप्शन रोक दिए गए हैं लेकिन मौजूदा निवेशकों को इससे कोई असर नहीं पड़ेगा. टाटा एमएफ ने स्पष्ट किया कि पहले से चल रहे SIP और STP जारी रहेंगे. रिडेम्प्शन, स्विच-आउट और सिस्टमैटिक विड्रॉल प्लान (SWP) सामान्य रूप से होते रहेंगे.13 अक्टूबर 2025 को दोपहर 3:00 बजे से पहले किए गए ट्रांजैक्शन स्वीकार किए जाएंगे और लागू NAV पर प्रोसेस होंगे.निलंबन को अस्थायी बताया गया है और यह अगली सूचना तक ही जारी रहेगा.
निलंबन की आवश्यकता क्यों पड़ी ?
यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब भारतीय चांदी बाजार आपूर्ति की कमी का सामना कर रहा है। त्योहारी सीज़न के दौरान घरेलू कीमतों में तेज़ी से उछाल आया है और चांदी अंतरराष्ट्रीय कीमतों की तुलना में 5-12% अधिक कारोबार कर रही है.
यह बढ़ोतरी तीन मुख्य कारणों से हुई है
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त्योहारों में चांदी के सिक्कों, बर्तनों और आभूषणों की बढ़ी मांग
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सौर ऊर्जा, EV और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे उद्योगों से बढ़ती मांग
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आयात में कमी और भौतिक चांदी की सीमित उपलब्धता
चूंकि टाटा सिल्वर ईटीएफ फंड ऑफ फंड (ETF FoF) टाटा सिल्वर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) में निवेश करता है. जो सीधे चांदी की घरेलू कीमत पर नज़र रखता है. जब स्थानीय और वैश्विक कीमतों में इतना अंतर आ जाता है, तो नए निवेशकों के लिए स्कीम का सटीक मूल्य तय करना मुश्किल हो जाता है. इसीलिए टाटा एमएफ ने अस्थायी रूप से नई खरीद रोक दी है ताकि निवेशकों को महंगे भावों पर खरीदने से बचाया जा सके.
Industry में क्या चल रहा है?
टाटा एमएफ के अलावा भारत में एक्सिस, कोटक, यूटीआई और एसबीआई सहित कई म्यूचुअल फंडों ने अपने सिल्वर ईटीएफ फंड-ऑफ-फंड्स (एफओएफ) में नए निवेश पर अस्थायी रूप से रोक लगा दिया है.यह कदम चांदी की कीमतों में तेज वृद्धि और घरेलू तथा अंतर्राष्ट्रीय चांदी के मूल्यांकन के बीच बढ़ते अंतर के बीच उठाया गया है.
घरेलू बाजार में भौतिक चांदी की कमी है. बढ़ती औद्योगिक मांग, त्योहारी खरीदारी और आयात संबंधी बाधाओं के कारण, उचित कीमत पर चांदी प्राप्त करना चुनौतीपूर्ण हो गया है. इस कमी के कारण म्यूचुअल फंड और ETF संरचनाओं के लिए फंड के NAV और अंतर्निहित धातु के बीच संबंध बनाए रखना मुश्किल हो गया है.
जब चांदी की उपलब्धता कम होती है, तो ETF को संभालने वाले Authorized Participants (APs) नई यूनिट्स बनाना या रिडीम करना ठीक से नहीं कर पाते. इससे ETF की कीमत और वास्तविक मूल्य (NAV) में अंतर आ जाता है, जिसे ट्रैकिंग एरर कहा जाता है. फंड हाउस इस जोखिम से बचना चाहते हैं.
निवेशकों पर असर
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मौजूदा निवेशक: आपकी SIP, STP और होल्डिंग्स पहले की तरह चलती रहेंगी. आप रिडीम या स्विच-आउट कर सकते हैं.
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नए निवेशक: नई लंपसम या स्विच-इन फिलहाल संभव नहीं हैं.
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लंबित ऑर्डर: 13 अक्टूबर 2025, दोपहर 3:00 बजे से पहले किए गए ऑर्डर प्रोसेस होंगे.
आगे क्या होगा?
फंड हाउस तब नई निवेश योजनाएं फिर से शुरू कर सकते हैं जब घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कीमतों का अंतर कम हो जाए और भौतिक चांदी की सप्लाई सामान्य हो जाए. वहीं बाज़ार में मांग और अस्थिरता (volatility) घट जाए. जब तक ऐसा नही होता तब तक यह रोक निवेशकों के हित में है, ताकि उन्हें गलत या महंगे मूल्य पर निवेश करने से बचाया जा सके.