Home > धर्म > Rama Ekadashi 2025: 16 या 17 अक्टूबर कब मनाई जाएगी रमा एकादशी? नोट कर लें सही डेट, शुभ मुहूर्त और व्रत पारण का समय

Rama Ekadashi 2025: 16 या 17 अक्टूबर कब मनाई जाएगी रमा एकादशी? नोट कर लें सही डेट, शुभ मुहूर्त और व्रत पारण का समय

Rama Ekadashi 2025: साल 2025 में रमा एकादशी की डेट को लेकर काफी कंफ्यूजन है कि आखिर इसका व्रत कब रखा जाएगा. रमा एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की असीम कृपा पाने के लिए रखा जाता है, तो आइए जानते हैं कि इस साल ये व्रत 16 या 17 अक्टूबर किस दि रखा जाएगा?

By: Shivi Bajpai | Published: October 13, 2025 2:26:05 PM IST



Rama Ekadashi 2025: कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को रमा एकादशी कहा जाता है. यह एकादशी दीपावली से ठीक पहले आती है. जिस वजह से इसका महत्व बढ़ जाता है. इस दिन भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि इस व्रत में विधि-विधान से पूजा करने से सभी पापों के नाश होते हैं और बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है. 

रमा एकादशी व्रत में क्या खाएं (What to eat in rama ekadashi vrat?)

  • इस व्रत में सभी प्रकार के फल और सूखे मेवे का सेवन करना चाहिए
  • इस दिन आप आलू, शकरकंद और साबूदाना भी खा सकते हैं.
  • इस तिथि पर सिंघाड़े का आटा, कुट्टू का आटे और राजगीरे के आटे से बनी पूड़ी, पराठा या पकौड़ी खाई जा सकती है.
  • इस मौके पर दूध, दही, छाछ, पनीर और घी का सेवन किया जा सकता है.
  • इस दिन केवल सेंधा नमक और काली मिर्च, अदरक, हरी मिर्च का सेवन किया जा सकता है.

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रमा एकादशी पर क्या नहीं खाना चाहिए (What not to eat in rama ekadashi vrat?)

इस दिन गेंहू, जौ, बाजरा, चावल, मक्का और सभी प्रकार की दाल का सेवन करना वर्जित होता है

इस दिन प्याज, लहसुन, मांस, मदिरा और मछली का सेवन वर्जित होता है

व्रत में सामान्य नमक का प्रयोग नहीं करना चाहिए

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी के दिन गोभी, गाजर, पालक, बैंगन और शलजम जैसी सब्जियों को नहीं खाना चाहिए.

रमा एकादशी व्रत के नियम (Rama Ekadashi Vrat Niyam 2025)

व्रत के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए मन, विचार और कर्म को सात्विक रखने का प्रयास करें.

मन मे किसी के लिए कठोर या बुरे विचार लाने से बचें

एकादशी के दिन भूलकर भी तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए, क्योंकि इस दिन तुलसी जी भी उपवास करती हैं. 

अगर संभव हो तो रात में जागकर भगवान विष्णु के नाम का जप और भजन करना चाहिए.

पूजा के अत में भगवान विष्णु से व्रत के दौरान कोई भूल हो जाए तो क्षमा याचना जरूर करें.

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(Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. इनखबर इस बात की पुष्टि नहीं करता है)

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