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1000 Year Old Treasure Found in Sweden: कभी-कभी ज़िंदगी में सबसे बड़ी खोज वहां छिपी होती है, जहां हम उसे ढूंढ भी नहीं रहे होते. स्वीडन के एक शख्स के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ, जब वह अपने बगीचे में कीड़े निकालने के लिए मिट्टी खोद रहा था, तब उसे मिली इतिहास की ऐसी अनमोल विरासत जिसने न सिर्फ उसकी जिंदगी बदल दी बल्कि स्वीडन के अतीत का एक नया दरवाजा भी खोल दिया. मिट्टी के नीचे छिपा 1000 साल पुराना खजाना अब पूरी दुनिया को चौंका रहा है.
मिट्टी में दबा 1000 साल पुराना खजाना
जब शख्स मिट्टी खोद रहा था, तभी उसकी नज़र एक अजीब सी धातु जैसी चीज़ पर पड़ी. धीरे-धीरे जब उसने खुदाई गहरी की तो सामने आया एक जंग लगा हुआ पुराना तांबे का बर्तन. बर्तन तो लगभग गल चुका था लेकिन उसके अंदर था कुछ ऐसा, जो सदियों से मिट्टी में दफ्न पड़ा था करीब 20,000 चांदी के सिक्के, मोती, पेंडेंट्स और सिल्वर की रिंग्स। इनका कुल वजन लगभग 6 किलो बताया गया. आर्कियोलॉजिस्ट्स के मुताबिक यह खजाना 12वीं सदी का है और इसे अब तक की स्वीडन की सबसे बड़ी मिडिवल खोजों में से एक माना जा रहा है.
किंग कनूट एरिक्सन के दौर के सिक्के
प्रीलिमिनरी जांच में पता चला कि सिक्कों पर “KANUTUS” खुदा हुआ है, जो स्वीडन के किंग कनूट एरिक्सन का लैटिन नाम है. उन्होंने 1173 से 1195 तक शासन किया था. इन सिक्कों में कुछ बेहद रेयर “बिशप कॉइन्स” भी मिले हैं, जिन पर धार्मिक चिन्ह बना है. उस समय चर्च की ताकत राजा के बराबर हुआ करती थी, इसलिए ये सिक्के न केवल आर्थिक बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी अत्यंत मूल्यवान हैं.
क्यों दबाया गया था यह खजाना?
इतिहासकार लिन अन्नरबैक के अनुसार, 12वीं सदी के अंतिम साल स्वीडन में राजनीतिक उथल-पुथल और युद्ध जैसी स्थिति थी. इसी दौरान कई अमीर परिवार अपनी संपत्ति और गहनों को मिट्टी में गाड़कर सुरक्षित रखते थे ताकि लूटपाट से बचाया जा सके. मोती, चांदी और अन्य कीमती वस्तुओं का एक साथ मिलना इस बात का प्रमाण है कि यह किसी संपन्न परिवार की निजी दौलत थी.
सरकार को सूचित करना कानून
स्वीडिश कल्चरल एनवायरनमेंट एक्ट के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को अगर प्राचीन खजाना मिले तो उसे सरकार को सूचना देना अनिवार्य है, यही इस व्यक्ति ने किया. स्टॉकहोम काउंटी एडमिनिस्ट्रेटिव बोर्ड ने इस खोज को ऑफिशियली दर्ज कर लिया है और अब इसे नेशनल हेरिटेज बोर्ड को भेजा जाएगा. नियमों के मुताबिक, फाइंडर को सरकार से आर्थिक मुआवजा भी मिलेगा.