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इस राज्य के स्कूलों में अब ‘आंख दिखाना’ है अपराध! बच्चों को डांटना भी सज़ा, शिक्षकों के लिए सख्त आदेश

उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग (Basic Education Department) ने स्कूलों में बच्चों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार (Bad Behaviour) को रोकने के लिए सख्त आदेश जारी किया है. इसमें बच्चों को मारना, डांटना, अपमानित करना और धमकाना अब अपराध माना जाएगा. इसके साथ ही, किताब और कॉपी न लाने पर बच्चों को कक्षा में खड़ा करने जैसी सजाओं (Punishment) पर रोक लगाई जाएगी.

By: DARSHNA DEEP | Published: October 11, 2025 2:40:45 PM IST



New Rules for UP School Teachers: योगी सरकार ने स्कूल शिक्षकों के लिए एक नया फरमान जारी किया है. उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग ने स्कूलों में छात्रों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार को पूरी तरह से रोकने के लिए एक सख्त आदेश जारी किया है. अब यूपी के प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को मारना, डांटना इतना ही अपमानित करना और धमकाने के अंदाज़ में आंख दिखाना भी अब से अपराध माना जाएगा. यह निर्देश बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009, बाल संरक्षण आयोग के दिशा-निर्देशों और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का सख्ती से पालन करने के लिए जारी किया गया है. 

नए आदेश में क्या है नया:

बच्चों को मारना-पीटना या अपमानित करना है मना. इसके साथ ही जाति और लिंग के आधार पर भेदभाव करना माना जाएगा अपराध

अनुचित टिप्पणी करना है मना:

इसके अलावा कक्षा के सहपाठी द्वारा किए गए उत्पीड़न को नजरअंदाज करना भी एक तरह से अपराध माना जाएगा. 

छात्र उत्पीड़न की शिकायत करा सकते हैं दर्ज:

बेसिक शिक्षा विभाग ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को यह आदेश प्रधानाध्यापकों और प्रबंधकों तक पहुंचाने के कड़े निर्देश दिए हैं. इसके अलावा अगर किसी छात्र के उत्पीड़न या फिर भेदभाव किया जा रहा है, तो वह छात्र, आरटीई एक्ट-2009 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 के तहत उत्पीड़न की शिकायत दर्ज करा सकता है. इतना ही नहीं, बेसिक शिक्षा विभाग ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर किसी भी विद्यालय में इन नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया गया तो उस शिक्षक के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

शिकायत के लिए टोल फ्री नंबर का करें इस्तेमाल: 

स्कूलों से जुड़ी शिकायतों के समाधान के लिए विभाग ने जून 2024 में टोल फ्री नंबर 1800−889−3277 भी शुरू किया था.  इस पहल का उद्देश्य बच्चों के लिए स्कूलों में सुरक्षित, सम्मानजनक वातावरण बनाना है.  

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