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भाई दूज पर बहनों के लिए दिल्ली सरकार का खास तोहफा, ‘सहेली’ पिंक कार्ड से महिलाओं को मिलेगा मुफ्त और सुरक्षित सफर!

दिल्ली की 'सहेली' पिंक कार्ड योजना महिलाओं और ट्रांसजेंडर यात्रियों के लिए मुफ्त डिजिटल बस यात्रा सुविधा देगी, जो मेट्रो और अन्य परिवहन में भी उपयोगी होगी.

By: sanskritij jaipuria | Last Updated: October 11, 2025 1:41:06 PM IST



Pink Saheli Card : दिल्ली सरकार ने सार्वजनिक परिवहन में महिलाओं और ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए एक नई क्रांतिकारी पहल की शुरुआत की है. ‘सहेली पिंक कार्ड योजना’ अब डीटीसी और क्लस्टर बसों में मुफ्त यात्रा को और ज्यादा डिजिटल, आसान और सेफ बनाने जा रही है. ये योजना महिलाओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है, जिससे उन्हें कागजी टिकट से छुटकारा मिलेगा और एक कार्ड के जरिए से यात्रा का एक्सपीरिएंस बेहतर होगा.

दिल्ली सरकार द्वारा लॉन्च किया जा रहा पिंक कार्ड विशेष रूप से दिल्ली की महिला और ट्रांसजेंडर निवासियों के लिए है. ये कार्ड दिल्ली में चलने वाली बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा देगा, लेकिन इसकी उपयोगिता केवल बसों तक सीमित नहीं रहेगी. भविष्य में ये कार्ड मेट्रो और अन्य सार्वजनिक परिवहन साधनों में भी इस्तेमाल किया जा सकेगा. इस योजना की शुरुआत भाई दूज के आसपास किए जाने की संभावना है. कार्ड प्राप्त करने के लिए वैध दिल्ली निवासी प्रमाण (जैसे आधार या निवास प्रमाण पत्र) जरूरी होगा.

तीन रंग, तीन कार्ड  हर यात्री के लिए एक समाधान

इस नई पहल के तहत दिल्ली सरकार तीन अलग-अलग प्रकार के स्मार्ट कार्ड लॉन्च कर रही है, जो विभिन्न वर्गों के यात्रियों की जरूरतों को पूरा करेंगे:

पिंक कार्ड: विशेष रूप से दिल्ली की महिलाओं और ट्रांसजेंडर नागरिकों को मुफ्त बस यात्रा की सुविधा प्रदान करेगा.

ब्लू कार्ड: सामान्य यात्रियों के लिए एक प्रीपेड मोबिलिटी कार्ड के रूप में कार्य करेगा. इसे रिचार्ज कर मेट्रो, बस आदि में उपयोग किया जा सकेगा.

ऑरेंज कार्ड: य छात्रों, वरिष्ठ नागरिकों और मासिक पास धारकों के लिए डिजइन किया गया डिजिटल पास है, जिससे उनकी यात्रा और भी सुविधाजनक बन सकेगी.

इन सभी कार्डों को नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (NCMC) के अनुसार डिजइन किया गया है, जिससे पूरे ट्रांसपोर्ट नेटवर्क में एक जैसा यात्रा एक्सपीरिएंस मिलेगा.

डिजिटल व्यवस्था और सुविधा

अब तक डीटीसी की बसों में महिलाओं को मुफ्त यात्रा के लिए कागज के टिकट दिए जाते थे. लेकिन पिंक कार्ड के आने से यप्रोसेस पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी हो जाएगी. सभी डीटीसी बसों में कार्ड रीडिंग मशीनें लग चुकी हैं और क्लस्टर बसों में भी य काम बस लास्ट स्टेज में है. इससे बसों में चढ़ते ही कार्ड को टैप कर महिलाएं आसानी से यात्रा कर सकेंगी.

दो तरह के कार्ड ऑप्शन

यात्रियों की जरूरतों और तकनीकी समझ को ध्यान में रखते हुए कार्ड को दो संस्करणों में लॉन्च किया जाएगा:

जीरो-केवाईसी कार्ड : इस कार्ड को मोबाइल नंबर और आधार OTP के जरिए तुरंत प्राप्त किया जा सकता है. य एक प्रीपेड कार्ड की तरह काम करेगा, जिसमें न्यूनतम जानकारी ही शेयर करनी होगी.

फुल-केवाईसी कार्ड : इसमें यात्री की फोटो और अन्य व्यक्तिगत जानकारी दर्ज होगी. य कार्ड बैंक के माध्यम से उपलब्ध होगा और डेबिट कार्ड की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकेगा.

दिल्ली की बसों में रोजना की भीड़

दिल्ली की सार्वजनिक बसें हर दिन लगभग 29 लाख यात्रियों को परिवहन सेवा देती हैं. साल 2025 के पहले छह महीनों में इनमें 14.3 लाख पुरुष और 14.8 लाख महिलाएं शामिल थीं. इसके अलावा, 2024-25 के दौरान 7.3 लाख सामान्य पास और 3.5 लाख रियायती पास जारी किए गए.

इस नई डिजिटल कार्ड योजना के माध्यम से यात्रियों को न केवल सफर में आसानी होगी, बल्कि उन्हें लंबे समय तक लाइन में खड़े रहने या कागजी पास को संभालने की झंझट से भी राहत मिलेगी.

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