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KarvaChauth 2025 : द्रौपदी और सीता करती थीं उपवास? जानिए उनके जीवन से जुड़ी व्रत कथाएं

करवा चौथ व्रत एक प्रसिद्ध हिन्दू परंपरा है, जिसमें विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए उपवास करती हैं. इस व्रत को लेकर यह जिज्ञासा अक्सर उठती है कि क्या पौराणिक काल की प्रमुख स्त्रियां, जैसे माता सीता और द्रौपदी, भी ऐसा व्रत रखती थीं.

By: Komal Singh | Published: October 10, 2025 10:23:40 AM IST



करवा चौथ हिन्दू संस्कृति का एक प्रसिद्ध व्रत माना जाता है, जिसे विवाहित महिलाएँ अपने पति की लंबी उम्र के और सुख- समृद्धि के लिए मानती हैं. इस दिन महिलाएँ सख्ती से निर्जला उपवास रखती हैं और चंद्रमा के दर्शन के बाद ही व्रत खोलती हैं. लेकिन सवाल ये उठता था क्या पुराणों में सीता मां और द्रौपदी भी रखती थी अपने पती के लिए व्रत चलिए जानते है विस्तार से.


करवा चौथ का इतिहास और महत्व

करवा चौथ का त्योहार मुख्य रूप से उत्तर भारत में मनाया जाता है. यह व्रत चंद्रमकी पूजा से जुड़ा है और इसका अर्थ है पति की लंबी आयु और परिवार की खुशहाली.कहा जाता है कि करवा चौथ का व्रत करने से पति और पत्नी के बीच प्रेम बढ़ता है और परिवार में सौभाग्य आता है.

 क्या दौपदी ने करवा चौथ मनाया था?

महाभारत की कथा में द्रौपदी का नाम प्रमुख माना जाता है. वह पाँच पांडवों की  पत्नी थीं और उनकी कथा में पति के प्रति उनकी भक्ति की कई कहानियाँ मिलती हैं. हालांकि , महाभारत या अन्य प्राचीन ग्रथों में करवा चौथ के व्रत का उल्लेख नहीं मिलता। परन्तु, द्रौपदी की भक्ति और समर्पण से यह माना जाता है कि यदि करवा चौथ का व्रत उस समय प्रचलित होता तो वह इसे अवश्य मानती. द्रौपदी ने अपने पति की रक्षा के लिए अनेक त्याग और तपस्या कीं, जो करवा चौथ के भाव से मेल खाते हैं। इसलिए, आधुनिक परंपरा में द्रौपदी को भी करवा चौथ के आदर्श के रूप में देखा जाता है.

 क्या सीता ने बनाया था करवा चौथ

रामायण के अनुसार, सीता जी भगवान राम की पत्नी थीं और उनका चरित्र धैर्य, भक्ति और समर्पण का प्रतीक है। सीता जी के जीवन में भी पति के प्रति उनकी निष्ठा और प्रेम की अनेक कहानियाँ प्रचलित हैं. पुराणों और रामायण में करवा चौथ व्रत का कोई प्रत्यक्ष उल्लेख नहीं है. फिर भी , भारतीय महिलाएं सीता को आदर्श मानकर करवा चौथ का व्रत करती हैं, क्योंकि व्रत का उद्देश्य पति की लंबी आयु और खुशहाली है, जो सीता के चरित्र के अनुरूप है.

 शास्त्रों में करवा चौथ के बारे में ?

शास्त्रों में करवा चौथ के व्रत का वर्णन मुख्य रूप से मध्यकालीन ग्रंथों में मिलता है, जैसे कथा सार और करवा चौथ कथा ग्रंथ.ये ग्रंथ मुख्य रूप से उस व्रत की विधि, कथा और महत्व को बताते हैं.पुराणों में पति की रक्षा के लिए स्त्रियों द्वारा की जाने वाली तपस्या और व्रतों का उल्लेख मिलता है, पर करवा चौथ का विशेष उल्लेख नहीं है। यह व्रत एक सामाजिक और धार्मिक परंपरा के रूप में धीरे-धीरे प्रचलित हुआ.



 

 

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