Diwali 2025 Laxmi-Ganesh Puja: इस बात को तो सभी लोग जानते हैं कि दीपावली के पर्व में सभी लोगों के घरों में धनतेरस वाले दिन गणेश लक्ष्मी की मिट्टी की मूर्ति लाकर दीपोत्सव पर पूजन किया जाता है किंतु बहुत कम लोग ही ऐसे होंगे जो दोनों लोगों के एक साथ पूजन का कारण और उनके बीच का रिश्ता जानते हैं. लक्ष्मी जी के पति तो साक्षात विष्णु भगवान हैं फिर क्या कारण है कि उनके साथ विष्णु देव के स्थान पर गणेश जी की पूजा करने का विधान है. आइए, समझते हैं पंडित शशिशेखर त्रिपाठी (Pandit Shashishekhar Tripathi) द्वारा
कार्यों को निर्विघ्न संपन्न करने के लिए करते हैं गणपति पूजन
धन की देवी लक्ष्मी जो सिर्फ धन बांटने का कार्य करती हैं और देवताओं के कोष के प्रमुख कुबेर जी के पूजन की बात तो दीपावली पर सबको समझ में आती है लेकिन उनके साथ गणेश जी वो भी सबसे पहले पूजा करने की बात सामान्य व्यक्ति के गले नहीं उतरती है. सब जानते हैं कि भगवान गणेश विघ्नों का नाश करने वाले और ऋद्धि-सिद्धि के प्रदाता हैं. इसलिए हर शुभ कार्य के प्रारंभ में गणेश जी का पूजन सबसे पहले और अनिवार्य रूप से किया जाता है. गणेश जी को यह वरदान स्वयं उनके पिता महादेव ने प्रदान किया था. यही कारण है कि कोई भी पूजा या शुभ कार्य सबसे पहले गणेश जी के पूजन से शुरू होता है. बिना उनका पूजन किए अन्य देवी या देवता अपना भाग नहीं स्वीकार करते हैं. किसी भी कार्य में व्यवधान आना सामान्य बात है लेकिन अच्छे कार्य निर्विघ्न पूरे करने के लिए ही गणपति का पूजन किया जाता है. गणेश जी के पूजन के बाद ही लक्ष्मी जी और कुबेर का पूजन करने का विधान है. वास्तव में गणेश जी और लक्ष्मी जी के बीच मां-पुत्र का रिश्ता है लेकिन गणेश जी के गुणों के कारण ही उनकी पूजा होती है.
गणेश पूजन का एक और प्रमुख कारण
गणेश जी को संपूर्ण विद्या तथा बुद्धि का स्वामी भी कहा गया है. लक्ष्मी जी के साथ गणेश पूजन का सबसे बड़ा कारण यह भी है कि धन के साथ-साथ बुद्धि भी सदा रहे और सकारात्मक दिशा में कार्य करे. बिना बुद्धि के धन का उपयोग करने पर उसके व्यर्थ होने की संभावना काफी अधिक हो जाती है. दीपावली पर धन की देवी लक्ष्मी जी की पूजा के साथ ही गणेश जी की पूजा इसलिए भी आवश्यक है ताकि लक्ष्मी जी की कृपा से मिलने वाले धन का सदुपयोग होता रहे. गणेश जी का साथ व्यक्ति में विवेक पैदा करता है. आज प्रायः देखने में आता है कि धन आ जाने पर मनुष्य का विवेक नष्ट हो जाता है इसलिए श्री गणेश जी हमें सद्बुद्धि प्रदान करें और उस सद्बुद्धि का आश्रय लेकर हम धनोपार्जन कर प्राप्त धन का सदुपयोग कर सकें ऐसी प्रार्थना पूजन के समय करना चाहिए.
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