Mughal Harem Secrets: हरम में रहने वाली लड़कियों और महिलाओं के लिए बाहरी दुनिया के दरवाजे हमेशा के लिए बंद रहते थे. जो एक बार हरम में आ गया वो बाहर नहीं निकल सकता था. यहां तक कि बादशाह की अलावा इन महिलाओं को किसी भी गैर मर्द से बात करने या मिलने तक की आजादी नहीं थीं. इतिहासकार बताते हैं कि हरम में यदि कोई महिला चोरी-छुपे किसी गैर मर्द से मिल भी ले तो उसे ऐसी भयानक सजा दी जाती थी कि देखने वालों तक की रूह कांप जाती थी. हरम में मौत की सजा देने के लिए मुगलों ने दो तरीके इजाद किये हुए थे जिनके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं.
हरम में होता था फांसीघर और मौत का कुआं
हरम में वैसे तो बादशाह के आलावा किसी का भी प्रवेश वर्जित होता था लेकिन फिर भी कई बार कुछ लोग चोरी छिपे हरम में घुस ही जाते थे. वहीं, कई महिलाएं भी ऐसी होती थीं जिन्हें बाहरी लोगों से प्यार होता था ऐसे में वे हरम के नियमों को ताक पर रखकर मेल-मुलाकात करती थीं. ऐसे में पकड़े जाने पर हरम में मौत की सजा दी जाती थी इसके लिए हरम में फांसी घर होता था. वहीं, एक कुआं भी बनवाया जाता था जिसमें हाथ पैर बांधकर फेंक दिया जाता था. सजा सबके सामने दी जाती थी ताकि देखने वाले भी समझ जाएं उनकी एक गलती कितनी भारी पड़ सकती है.
हट्टे-कट्टे किन्नर करते थे सुरक्षा
हरम की सुरक्षा के लिए किन्नरों को तैनात किया जाता था. बताते हैं कि जब बादशाह हरम में प्रवेश करते थे तब उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी किन्नरों के हाथ में ही होती थी. वहीं, बादशाह के निजी अंगरक्षकों को हरम के बाहर ही रोक लिया जाता था. इन किन्नरों का बर्चस्व मुग़लों के दौर में अच्छा खासा था. यहां तक कि कई फैसलों में ये बादशाह को सलाह भी दिया करते थे और ये बात बाकी दरबारियों की बिलकुल भी हजम नहीं होती थी.