Bihar Election 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद नेताओं के पार्टी बदलने का सिलसिला शुरू हो गया है. इसी कड़ी में पूर्व मंत्री मुरारी प्रसाद गौतम ने बुधवार को बिहार विधानसभा चुनाव से पहले विधायक पद से इस्तीफा दे दिया. सूत्रों के अनुसार उनके बीजेपी में शामिल होने की अटकलें तेज हैं.
इस्तीफा देने को लेकर मुरारी प्रसाद गौतम ने कहा- ‘विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा देने के पीछे कोई विशेष कारण नहीं है. मैंने बस इस्तीफा दे दिया है.’ गौतम कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा पहुंचे थे. वह महागठबंधन सरकार में मंत्री थे, लेकिन जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर NDA का दामन थामा, तब से गौतम सत्ता पक्ष के खेमे में बैठने लगे.
इसके बाद कांग्रेस ने उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द करने की मांग की थी. उनका अयोग्यता मामला विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव के समक्ष विचाराधीन है.
भभुआ सीट से RJD विधायक का इस्तीफा
दूसरी तरफ बिहार विधानसभा चुनाव से पहले आरजेडी को बड़ा झटका लगा है. भभुआ सीट से आरजेडी विधायक भरत बिंद ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. सूत्रों के मुताबिक, भरत बिंद बीजेपी के टिकट से चुनाव लड़ सकते हैं.
अजय निषाद भी हो सकते हैं बीजेपी में शामिल
इसके अलावा दिग्गज नेता अजय निषाद के भी बीजेपी में शामिल होने की चर्चा है. कांग्रेस से मुजफ्फरपुर सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ने वाले अजय निषाद की बीजेपी में वापसी हो सकती है. लोकसभा चुनाव में बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर वह कांग्रेस में चले गए थे. हालांकि, उन्हें चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था.
करीब डेढ़ साल के बाद उनकी घर वापसी हो सकती है. बताया जा रहा है कि वह पत्नी को विधानसभा चुनाव में उतारेंगे. आज शाम पटना में वह बीजेपी में शामिल होने की घोषणा करेंगे.
दो चरणों में होंगे बिहार के चुनाव
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव छह और 11 नवंबर को दो चरणों में होंगे. वहीं मतगणना 14 नवंबर होगी. फिलहाल एनडीए और महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर खींचतान जारी है. दोनों ही गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर पेंच फंसा हुआ है. हालांकि, दोनों अलायंस की ओर से यह कहा जा है कि कि कोई समस्या नहीं है और जल्द ही सीटों का बंटवारा हो जाएगा.
एनडीए में बीजेपी-जेडीयू के अलावा जीतन राम मांझी की ‘हम’ और चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) भी शामिल हैं. वहीं महागठबंधन में आरजेडी-कांग्रेस के अलावा वीआईपी और लेफ्ट की पार्टियां शामिल हैं.