गूगल ने एक नया AI Bug Bounty Program लॉन्च किया है, जिसमें कोई भी सिक्योरिटी रिसर्चर या एथिकल हैकर अगर उसकी AI में कोई बड़ी गलती या सुरक्षा खामी ढूंढ लेता है, तो उसे $30,000 (लगभग ₹25 लाख) तक का इनाम मिल सकता है.
इस पहल का मकसद है कि गूगल की AI सिस्टम्स जैसे Search, Gemini Apps, Gmail, Google Drive और Workspace को और ज्यादा सुरक्षित बनाया जा सके.
क्या है Google का AI Bug Bounty Program?
गूगल पहले से ही Vulnerability Reward Program चला रहा था, जिसमें उसे बग रिपोर्ट करने वालों को इनाम मिलता था, लेकिन अब कंपनी ने इसे AI पर फोकस किया है. अब रिसर्चर्स और एथिकल हैकर्स को उन खतरनाक “AI बग्स” की तलाश करनी होगी जो गूगल के सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इनमें ऐसे मामले शामिल हैं जब AI: गलत कमांड्स एक्सिक्यूट कर दे, पर्सनल डाटा लीक कर दे या फिर किसी हैकर को डिवाइस के कंट्रोल तक पहुंचा दे.
कौन से बग्स माने जाएंगे इनाम के लायक?
गूगल ने साफ कहा है कि हर गड़बड़ी “बग” नहीं कहलाती. उदाहरण के लिए, अगर आप Gemini से कोई गलत जवाब निकलवा लें या उसे “hallucinate” करा दें (यानी झूठी जानकारी बोलने पर मजबूर कर दें), तो ये बग नहीं माना जाएगा.
बग वही माना जाएगा जो किसी यूजर की सुरक्षा या डेटा को खतरा पहुंचाए, जैसे – किसी ने Google Home को इस तरह धोखा दिया कि वह स्मार्ट डोर खोल दे. या किसी ने Gmail को छिपे कमांड से ईमेल्स का सारांश बनाकर किसी और को भेजने के लिए तैयार कर दिया. ऐसे मामलों में रिसर्चर को इनाम मिल सकता है.
कितना इनाम मिलेगा?
गूगल के मुताबिक इनाम की रकम इस बात पर निर्भर करेगी कि बग कितना बड़ा है और कहां पाया गया है:-
1. Search, Gemini, Gmail, Drive पर $20,000 तक.
2. रिपोर्ट की क्वालिटी या यूनिकनेस पर बोनस $10,000 अतिरिक्त.
3. छोटे या एक्सपेरिमेंटल प्रोजेक्ट जैसे NotebookLM, Jules पर $5,000 तक.
यानी अगर आपकी रिपोर्ट सबसे बेहतरीन पाई गई, तो आपको $30,000 (₹25 लाख) तक का इनाम मिल सकता है.
क्यों जरूरी है ये प्रोग्राम?
AI अब गूगल के लगभग हर प्रोडक्ट में शामिल हो चुकी है. इससे जुड़े खतरे भी बढ़ गए हैं – जैसे डेटा चोरी, गलत फैसले और हैकिंग के नए तरीके. गूगल का कहना है कि पिछले दो सालों में रिसर्चर्स ने AI से जुड़ी कमजोरियों की रिपोर्टिंग से $430,000 (लगभग ₹3.5 करोड़) तक कमा लिए हैं. अब कंपनी ने इसे आधिकारिक रूप दे दिया है.
Google का नया टूल — CodeMender
AI से सुरक्षा की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए, गूगल ने CodeMender नाम का टूल भी लॉन्च किया है. यह एक AI एजेंट है जो ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर में खुद बग्स ढूंढता और ठीक करता है. अब तक इसने 70 से ज्यादा सिक्योरिटी इश्यूज़ को ठीक किया है. गूगल कहता है कि यह दिखाता है कि AI खुद भी AI की सुरक्षा में मदद कर सकती है.