Success Story: अगर आप इडली, सांभर और मसाला डोसा के शौकीन हैं तो आपने सागर रत्ना रेस्टोरेंट ज़रूर देखा होगा या उसके बारे में सुना होगा. सागर रत्ना रेस्टोरेंट साउथ इंडियन खाने के लिए देशभर में प्रसिद्ध है. सागर रत्ना के देश भर में 100 से ज़्यादा रेस्टोरेंट हैं और इसका कारोबार लगभग ₹300 करोड़ (करीब 3 अरब डॉलर) का है. इस मशहूर रेस्टोरेंट मालिक की सफलता की कहानी बेहद दिलचस्प है. जयराम बानन के संघर्ष और सफलता की कहानी लाखों युवा उद्यमियों को ज़रूर प्रेरित करेगी. 100 से ज़्यादा रेस्टोरेंट के मालिक बनने से पहले जयराम बानन कभी एक होटल में बर्तन धोते थे. लेकिन आज वे ₹300 करोड़ (करीब 3 अरब डॉलर) के व्यापारिक साम्राज्य संभाल रहे हैं. आइए आपको बताते हैं कि जयराम बानन ने यह मुकाम कैसे हासिल किया है.
13 साल की उम्र में छोड़ दी थी स्कूल
कर्नाटक के उडुपी में एक साधारण परिवार में पले-बढ़े जयराम बानन ने इस सफलता को हासिल करने के लिए कई मुश्किलों को पार किया. डीएनए की एक रिपोर्ट के अनुसार, स्कूल की परीक्षा में फेल होने के बाद उन्होंने 13 साल की उम्र में घर छोड़ दिया था. उस समय उनके पास अपने पिता से मिले कुछ पैसे ही थे. काम की तलाश में जयराम बानन 1967 में मुंबई चले गए. उन्होंने एक रेस्टोरेंट में 18 रुपये प्रति महीने पर बर्तन धोने का काम शुरू किया.
मुंबई में सीखा दिल्ली में अपने हुनर को निखारा
मुंबई में काफी वक्त बिताने के बाद जयराम बनान 1974 में दिल्ली आ गए. यहां उन्होंने एक कैंटीन का प्रबंधन अपने हाथ में ले लिया. फिर 12 साल बाद 1986 में उनके करियर ने एक महत्वपूर्ण मोड़ लिया. जयराम बानन ने सागर रेस्टोरेंट खोला. खुलने के पहले ही दिन रेस्टोरेंट ने 408 रुपये की बिक्री की. इस रेस्टोरेंट की अपार सफलता के बाद जयराम ने दिल्ली के लोधी मार्केट में सागर रत्न नाम से एक और रेस्टोरेंट खोल दियी.
करोड़ों का कारोबार विदेश में फैला
इसके बाद जयराम बानन ने अपनी रेस्टोरेंट श्रृंखला का विस्तार जारी रखा. आज सागर रत्ना के देश भर में 100 से ज़्यादा रेस्टोरेंट है. इसके अलावा कंपनी के फ्रैंचाइज़ी आउटलेट्स के ज़रिए उत्तर भारत के कई बड़े शहरों में भी सागर रत्ना रेस्टोरेंट है.