Bernard Julien Passes Away: वेस्टइंडीज के पूर्व विश्व कप विजेता खिलाड़ी बर्नार्ड जूलियन का शनिवार को त्रिनिदाद और टोबैगो के वाल्सेन में 75 वर्ष की आयु में निधन हो गया. वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड के मुताबिक़, अपने क्रिकेट करियर के दौरान, उन्होंने अपनी नेशनल टीम के लिए 24 टेस्ट और 12 वनडे मैच खेले.
शनिवार को बर्नार्ड जूलियन के निधन ने उनके क्रिकेट जीवन की चमक और उनके द्वारा जीए गए कठोर वक़्त , दोनों पर चिंतन करने को प्रेरित किया. क्रिकेट वेस्टइंडीज (CWI) की एक प्रेस रिलीज़ के मुताबिक़, उनके करियर ने याद दिलाया कि वेस्टइंडीज क्रिकेट की कहानी केवल मैदान पर जीत के बारे में नहीं है, बल्कि उन विकल्पों और परिस्थितियों के बारे में है जिन्होंने खिलाड़ियों की पीढ़ियों और खुद इस क्षेत्र को आकार दिया.
1975 वर्ल्ड कप का नायक
जूलियन 1975 के वर्ल्ड कप के शांत दिग्गजों में से एक थे, एक ऐसा टूर्नामेंट जिसने 50 साल पहले उनके देश को गर्व करने का मौका दिया था जब वेस्टइंडीज ने खेल के इतिहास में पहला मेंस वर्ल्ड टाइटल जीता था. उनका कौशल और धैर्य उस जीत के केंद्र में थे. उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ 20 रन देकर 4 विकेट, न्यूजीलैंड के खिलाफ 27 रन देकर 4 विकेट और लॉर्ड्स में खेले गए फाइनल में 38 रन देकर 2 विकेट लिए. इसके अलावा उन्होंने नाबाद 26 रनों की पारी खेलकर चैंपियनशिप जीतने में अहम भूमिका निभाई.
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बर्नार्ड ने वेस्टइंडीज के लिए कुल 24 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने 30.92 की औसत से 866 रन बनाए और 37.36 की औसत से 50 विकेट लिए. वनडे इंटरनेशनल मैचों में उन्होंने 25.72 की औसत से 18 विकेट लिए. बाएं हाथ के स्विंग गेंदबाज के रूप में, उनकी गेंदबाजी सहज और लय में रहती थी, जो गेंद को दोनों तरफ घुमाने में सक्षम थी. बल्ले से उन्होंने बैलेंस और कंट्रोल के साथ-साथ आत्मविश्वास का भी भरपूर प्रदर्शन किया. CWI की प्रेस रिलीज़ के मुताबिक़, उन्हें उनके शांत स्वभाव और खेल के प्रति विचारशील दृष्टिकोण के लिए सराहा जाता था. वह एक ऐसे खिलाड़ी थे जिन्होंने अपने हर प्रदर्शन में बुद्धिमत्ता और ईमानदारी का परिचय दिया.
मुश्किल दौर से निकले थे जूलियन
1982-83 और 1983-84 में दक्षिण अफ्रीका के दौरों में भाग लेने के बाद उनका इंटरनेशनल करियर समाप्त हो गया. यह वह दौर था जब खेल जगत रंगभेद की नैतिक और राजनीतिक चुनौतियों से बुरी तरह बटा हुआ था. ये फैसले उस दौर की कठिन वास्तविकताओं और खिलाड़ियों द्वारा मौके, सही निर्णय लेने और माहौल के कम्पटीशन से जूझते हुए झेले जाने वाले दबावों को दर्शाते थे.
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