Protein Side Effect: प्रोटीन एक पोषक तत्व है जो कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन और नाइट्रोजन से मिलकर बना होता है. प्रोटीन में 20 अमीनो एसिड होते हैं.यह हर इंसान के लिए जरूरी है क्योंकि यह शरीर में कई कार्य करता है. एक सामान्य व्यक्ति को प्रति किलोग्राम शरीर के वजन के हिसाब से 0.8 से 1 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है. इसका मतलब है कि अगर किसी का वजन 60 किलोग्राम है, तो उसे 0.8 x 60 = 48 ग्राम, या 60 ग्राम प्रोटीन का सेवन करना चाहिए. इसके अलावा, जो लोग शारीरिक रूप से अधिक एक्टिव हैं, वे 1 से 2 ग्राम प्रोटीन का सेवन कर सकते हैं.लोग अपने प्रोटीन का सेवन बढ़ाने के लिए हाई प्रोटीन वाले खान- पान का सेवन करते हैं. इससे उन्हें मशल्स बनाने और वजन कम करने में मदद मिलती है. लेकिन एक अध्ययन के अनुसार, उन्हें गर्भधारण करने में परेशानी हो सकती है. अगर आप भी उच्च प्रोटीन आहार का पालन करते हैं, तो यह लेख जरूर पढ़ें.
जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन एंड हेल्थ के रिसर्च के अनुसार
जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन एंड हेल्थ में एक अध्ययन प्रकाशित हुआ है. इस अध्ययन का नेतृत्व यूके के वॉर्सेस्टर विश्वविद्यालय के न्यूट्रिशनल चिकित्सा विशेषज्ञ जो व्हिटेकर ने किया था. इस अध्ययन के अनुसार, हाई प्रोटीन वाला भोजन पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम कर सकता है. इस अध्ययन में आठ हफ्तों के समय में 309 पुरुषों के टेस्टोस्टेरोन के स्तर की जांच की गई. प्रतिभागियों के डाइट में 35 प्रतिशत मांस, मछली और प्रोटीन शेक शामिल थे.आठ हफ़्तों बाद जब परीक्षण किया गया, तो उनके टेस्टोस्टेरोन के स्तर में 37 प्रतिशत की कमी पाई गई. प्रतिभागियों में कम टेस्टोस्टेरोन के लक्षण भी देखे गए, जिनमें इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (कम वीर्य उत्पादन), थकान, अवसाद और मांसपेशियों में कमजोरी शामिल हैं.इसलिए कम टेस्टोस्टेरोन का स्तर हमेशा सीधे तौर पर बांझपन का कारण नहीं बनता है. हालांकि, कम टेस्टोस्टेरोन का स्तर शुक्राणु उत्पादन को कम कर सकता है, जिससे पुरुषों में बांझपन हो सकता है. जो व्हिटेकर के अनुसार, कम टेस्टोस्टेरोन का स्तर कई बीमारियों और स्वास्थ्य जोखिमों का कारण बन सकता है, जिनमें मांसपेशियों की कमज़ोरी, मनोभ्रंश, कम यौन इच्छा, मधुमेह, हृदय संबंधी समस्याएं और अल्जाइमर शामिल हैं.
इन लोगों के लिए चिंताजनक
जो व्हिटेकर ने कहा कि शोध के निष्कर्ष बताते हैं कि जो लोग रोजाना कैलोरी का 35 प्रतिशत प्रोटीन से लेते हैं, उनमें टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम होता है. डाइट विशेषज्ञ एरिन कोलमैन ने भी कहा कि उच्च प्रोटीन वाला आहार टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम कर सकता है. हालांकि, उनका मानना है कि शोध के आधार पर, 35 प्रतिशत से कम प्रोटीन खाने से भी टेस्टोस्टेरोन कम हो सकता है. पंजीकृत आहार विशेषज्ञ बोनी टॉब-डिक्स इस बात से सहमत हैं कि अत्यधिक प्रोटीन पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन को कम कर सकता है, लेकिन यह संभवतः अधिकांश लोगों पर लागू नहीं होगा. यह केवल उन लोगों पर लागू होता है जो मांसपेशियों को बढ़ाने के लिए अधिक प्रोटीन का सेवन करते हैं. इस अध्ययन में जीवनशैली कारकों को ध्यान में नहीं रखा गया है, बल्कि केवल प्रोटीन के सेवन पर ध्यान केंद्रित किया गया है. इसलिए, इस अध्ययन की कुछ सीमाएँ भी हैं.
कितना प्रोटीन है बहुत ज्यादा ?
Health.harvard.edu के अनुसार, औसत पुरुष को प्रतिदिन लगभग 56 ग्राम और महिलाओं को 46 ग्राम प्रोटीन का सेवन करना चाहिए. इसके अलावा, यदि कोई अपने वजन के आधार पर प्रोटीन का सेवन करना चाहता है, तो वह शरीर के वजन के प्रति किलोग्राम 0.8 ग्राम प्रोटीन का सेवन कर सकता है.
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