Home > धर्म > Dhanteras 2025: धनतेरस पर वाहन खरीदने का बना रहे हैं प्लान तो सीधे सैर सपाटे पर न निकल पड़े, पहले इस काम को करें तभी ड्राइव पर जाएं

Dhanteras 2025: धनतेरस पर वाहन खरीदने का बना रहे हैं प्लान तो सीधे सैर सपाटे पर न निकल पड़े, पहले इस काम को करें तभी ड्राइव पर जाएं

Dhanteras 2025: नया वाहन खरीदने की खुशी तो हर किसी को होती है, वह भी किसी पर्व के मौके पर ऐसा हो जाए तो खुशी चार गुना होने के साथ ही यादगार भी हो जाती है. धनतेरस एक ऐसा मौका है जब आप नया वाहन खरीद सकते हैं. इससे खुशियों का यह त्योहार आपको अत्याधिक प्रसन्नता देगा. वाहन आज की आवश्यकता हो गई है, यह किसी भी स्थान पर जल्द पहुंचा कर गंतव्य की दूरी को कम करने का काम करता है.

By: Pandit Shashishekhar Tripathi | Published: October 6, 2025 4:16:37 PM IST



नया वाहन खरीदने की खुशी तो हर किसी को होती है, वह भी किसी पर्व के मौके पर ऐसा हो जाए तो खुशी चार गुना होने के साथ ही यादगार भी हो जाती है. धनतेरस एक ऐसा मौका है जब आप नया वाहन खरीद सकते हैं. इससे खुशियों का यह त्योहार आपको अत्याधिक प्रसन्नता देगा. वाहन आज की आवश्यकता हो गई है, यह किसी भी स्थान पर जल्द पहुंचा कर गंतव्य की दूरी को कम करने का काम करता है. 

जानिए वाहन है क्या

साइकिल को छोड़ दिया जाए तो हर वाहन मोटर संचालित होता है फिर वह चाहे दो पहिया हो अथवा चार पहिया. वाहन का अर्थ है वहन करने वाला यानी ऐसा उपकरण जो आपको वहन करता हो. अर्थात जिस उपकरण से आप आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंच जाते हैं, जिसमें समय की भी बचत हो. यूं तो हम एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए अपने पांव पर भी चल सकते हैं जैसा वाहनों का आविष्कार होने के पहले किया जाता था किंतु वाहनों का उपयोग होता है. सच बात तो यही है कि वाहन पैरों का एक्सटेंशन मॉडल है. 

इस कार्य से उसे मंगलकारी बनाएं

हिंदू धर्म में किसी भी अच्छे कार्य की शुरुआत पूजन के साथ की जाती है. पूजन में भी सबसे पहले विघ्नहर्ता गणेश जी की पूजा करते हैं ताकि बाधाएं दूर होकर सब कुछ मंगलकारी हो जाए. जिस तरह नया घर बनने पर पूजन करने के बाद ही गृह प्रवेश होता है उसी तरह वाहन भी है. इसका भी पूजन करने के बाद प्रयोग में लाना चाहिए. यह वाहन ही है जो हमारी क्षमताओं को सुरक्षित ही नहीं रखता बल्कि बढ़ाता भी है. 

किससे कराएं वाहन पूजन

आपने अक्सर देखा होगा कि लोग वाहन खरीद कर सबसे पहले निकट के मंदिर में जाते हैं और वहां के पुजारी से वाहन का पूजन कराते हैं. वाहन पर पुजारी जी स्वास्तिक का चिन्ह बनाते हैं जो प्रथम पूज्य गणेश जी का प्रतीक है. अब यदि वाहन की डिलीवरी लेकर आप मंदिर नहीं जा सकते हैं तो सीधे घर आकर परिवार की वयोवृद्ध महिला या पुरुष से पूजन कराना चाहिए. 

इस विधि से कराएं वाहन का पूजन

सबसे पहले वाहन के ऊपर आम या अशोक के पत्तों से जल छिड़कें, इसके बाद वाहन में सिंदूर और घी मिलाकर अनामिका से स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं. स्वास्तिक का चिन्ह बहुत ही शुभ माना जाता है, यह चिन्ह आपकी यात्रा में आने वाले व्यवधानों को दूर करेगा. फिर वाहन पर फूल और माला चढ़ाने के साथ कलावा या रक्षा सूत्र को बैक मिरर में बांध सकते हैं. कपूर जलाकर आरती करें और कलश का जल वाहन के दाएं तथा बाएं ओर डालें. कपूर की आरती के बाद उसकी राख से टीका लगा दें ताकि नजर न लगे. वाहन का पूरे भाव के साथ स्वागत करें. अब वाहन पर मिठाई रखें और किसी गाय को भी खिलाएं. गौमाता वाहन और उसमें बैठने वालों की रक्षा करेंगी. वाहन को स्टार्ट कर एक नारियल को लेकर वाहन के बाहर से सात बार घुमा कर उसके सामने फोड़ दें. 

नेगेटिव एनर्जी से बचने का उपाय भी करें

नेगेटिव एनर्जी से बचाने के लिए एक और कारगर उपाय कर सकते हैं. वाहनों के पहिए के आगे एक एक नींबू इस तरह रख दें कि कि वाहन के चलने पर नींबू फूट जाएं. यदि आप वाहन को सीधे घर पर लाए हैं तो पूजन करने के बाद सबसे पहले मंदिर जाकर भगवान के दर्शन करते हुए उन्हें इस उपलब्धि के लिए धन्यवाद दें. पूजा यदि किसी पुरोहित से कराई है तो उन्हें दक्षिणा देना न भूलें. वाहन का लाभ सदैव पाने के लिए पीले रंग का धागा बांध सकते हैं. यदि कहीं से कौड़ी मिल जाए तो उसे भी पीले कपड़े में रख कर बांध सकते हैं.

Advertisement