Bihar Vidhan Sabha Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं की ओर से एक-दूसरे पर जमकर निशाने साधे जा रहे है. अब शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने बिहार की डबल इंजन की सरकार को घेरते हुए कहा कि बीते 20 साल में विकास का ढोल पीटने वाली पार्टी से बिहार की जनता पूछ रही है कि विकास कहां है. प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि बीजेपी को पता है कि वे सत्ता से बाहर होने वाले हैं, इसलिए चुनाव आयोग को सुझाव दे रहे हैं कि बुर्का पहनकर आने वाली महिलाओं की पहचान मतदाता पहचान पत्र (ईपीआईसी) से कराई जाए.
प्रियंका चतुर्वेदी ने इसे बीजेपी की ‘ध्रुवीकरण की मानसिकता’ करार देते हुए कहा कि यह सत्ता से बेदखली के डर का प्रमाण है. इसलिए हर तरह से जीत हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं. यह ध्रुवीकरण की मानसिकता दिखाता है. बिहार इनके हाथों से फिसल रहा है, इसलिए जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश हो रही है. बिहार की जनता पूछ रही है विकास कहां है? डबल इंजन सरकार में कौन सा कार्य हुआ?
अरविंद केजरीवाल के बयान पर क्या बोलीं प्रियंका चतुर्वेदी?
उन्होंने आगे कहा कि यह बेहद शर्मनाक है. जो सुझाव देते हैं, उनके वोटर लिस्ट से नाम काटना चाहिए. आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल द्वारा गोवा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन से इनकार करने पर उन्होंने कहा कि केजरीवाल पहले भी गोवा में चुनाव लड़ चुके हैं और कुछ सीटें जीत चुके हैं. इसी तरह, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने भी अकेले चुनाव लड़ा है.
शिवसेना (यूबीटी) नेता ने कहा कि टीएमसी और आप दोनों ही इंडिया ब्लॉक का हिस्सा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दल अपनी पहुंच बढ़ाने और लोगों का विश्वास जीतने के लिए लगातार काम करते हैं. उसी हिसाब से गोवा की जनता को अपनी पार्टी का विकल्प दे रहे हैं. कोलकाता को सुरक्षित शहर बताए जाने के बाद बीजेपी द्वारा डेटा की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने पर चतुर्वेदी ने कहा कि बीजेपी के साथ समस्या यह है कि वे अपने शासित राज्यों में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल हैं.
एमपी-यूपी में महिलाओं के खिलाफ अपराध की सीमाएं पार- प्रियंका चतुर्वेदी
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराध की सीमाएं पार हो चुकी हैं. पश्चिम बंगाल की सराहना करने के बजाय, वे डेटा पर सवाल उठा रहे हैं. कहीं न कहीं बीजेपी को अपने शासित प्रदेशों में भी यही डेटा लागू करना चाहिए.
वहीं लद्दाख के कार्यकर्ता सोनम वांगचुक मामले पर उन्होंने कहा कि मैं उम्मीद करती हूं कि सुप्रीम कोर्ट उन्हें राहत देगा. वे लद्दाख के लोगों के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. उन्होंने कई कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी की तारीफ की है. आखिर में उन्हें एंटी-नेशनल कहना गलत है. जो दोषी है, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.