Mughal Harem Dirty Secrets: मुगल काल की शान और शौकत के कई किस्से आपने सुने होंगे. लेकिन, हरम से जुड़े काले सच को हमेशा दबाया गया है. जी हां, मुगलों के किलों में एक ऐसा खास हिस्सा होता था जहां बादशाह की इजाजत के बिना किसी को जाने नहीं दिया जाता था. इस हिस्से में बादशाह की बेगमें, शहजादियां, दासियां और रखैलें रहा करती थीं, जिन्हें दूसरे राजाओं से जंग के बाद छीनकर या तोहफे में लाया जाता था.
कई इतिहासकारों ने हरम को लेकर अलग-अलग कहानियां लिखी हैं. इन कहानियों में हरम की औरतें सोने और जेवरात से सजी-लदी दिखाई देती हैं. लेकिन, यह सोने के जेवर सजावट से ज्यादा बादशाह की बेड़ियां हुआ करते थे. क्योंकि, मुगलों के हरम में रहने वालीं औरतें अपनी मर्जी के बिना न तो किले से बाहर पैर रख सकती थीं और न ही कोई बाहरी पुरुष उनसे मिल सकता था.
कड़े पहरे में रहती थीं मुगल हरम की औरतें
मुगल हरम और वहां की औरतों की देखभाल की जिम्मेदारी किन्नरों को दी जाती थी. क्योंकि, पुरुषों को औरतों की जिम्मेदारी देने पर उनका संबंध होने का खतरा होता था. ऐसे में हरम की देखरेख के लिए सिर्फ किन्नरों को तैनात किया जाता था. हरम की औरतें बादशाह और शहजादों के अलावा किसी दूसरे पुरुष से नहीं मिल सकती थीं और न ही कोई अन्य पुरुष हरम में कदम रख सकता था.
मुगल हरम का डर्टी सच उड़ा देगा होश

मुगल हरम के ऐसे कई घिनौने सच भी थे, जिनके बारे में बहुत कम इतिहासकारों ने लिखा है. क्योंकि, वहां की बातें बाहर नहीं आ पाती थीं और बाहर से कोई व्यक्ति अंदर नहीं जा पाता था. लेकिन, कई इतिहासकारों ने हरम के बारे में बताया कि यह मुगलों की अय्याशी का अड्डा होता था जहां पूरी-पूरी रात नाच-गाना चलता था. इतना ही नहीं, हरम की औरतों के साथ मुगल बादशाह अपनी हवस मिटाया करता था.
इतिहासकारों ने माना है कि मुगल हरम में तहखाने और कई कुएं भी बने होते थे. लेकिन, इन कुओं का इस्तेमाल पानी से के लिए कम बल्कि घिनौने काम के लिए ज्यादा होता था.
कुओं में होता था घिनौना काम!
कहा जाता है कि अगर हरम की किसी दासी या महिला से कोई गलती हो जाती थी और बादशाह नाराज हो जाते तो उन्हें जहर देकर मार दिया जाता था और उनकी लाश को कुओं में फेंक दिया जाता था. इतना ही नहीं, ऐसा भी माना जाता है कि कुओं में जिंदा औरतों को भी फेंक दिया जाता था.
गलती करने पर खौफनाक अंजाम मिलता था, यह बात तो कई इतिहासकारों ने मानी है. कुओं के डर्टी सच के अलावा हरम में मौजूद तहखानों में औरतों को फांसी भी दी जाती थी.