Papankusha Ekadashi 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पापांकुशा एकादशी कहा जाता है. साल 2025 में ये पर्व 3 अक्टूबर के दिन मनाया जाएगा. यह तिथि भगवान विष्णु के पूजन और व्रत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है. मान्यता है कि इस दिन नियमपूर्वक व्रत रखने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष की प्राप्ति होती है.
पापांकुशा एकादशी का महत्व क्या है?
पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन व्रत और उपवास करने वाले भक्त को अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है. विष्णु पुराण और पद्म पुराण में इसका विशेष उल्लेख मिलता है. कहा गया है कि इस व्रत के प्रभाव से जीवन के पाप नष्ट होते हैं और मृत्यु के उपरांत भी आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसके अतिरिक्त यह व्रत घर-परिवार में सुख, शांति और समृद्धि लाने वाला माना गया है.
व्रत के नियम और विधि
व्रत के दिन प्रातःकाल स्नान करके भगवान विष्णु का स्मरण करें.
व्रतियों को इस दिन सात्विक भोजन करना चाहिए और तामसिक भोजन, प्याज-लहसुन, मांस-मदिरा से दूर रहना चाहिए.
भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र को गंगाजल से स्नान कराएं, पीले वस्त्र पहनाएं और तुलसी दल अर्पित करें.
इस दिन ओम् नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करना अत्यंत शुभ माना जाता है.
दिनभर उपवास रखते हुए शाम को संध्या आरती और भजन-कीर्तन करें.
जरूरतमंदों और ब्राह्मणों को भोजन, वस्त्र या दान देने से पुण्य कई गुना बढ़ जाता है.
व्रत का पारण अगले दिन द्वादशी तिथि में सूर्योदय के बाद किया जाता है.
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धार्मिक मान्यता
पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस व्रत का पालन करने से मनुष्य पापों से मुक्त होकर विष्णु लोक की प्राप्ति करता है. जो व्यक्ति इस दिन भगवान पद्मनाभ की उपासना करता है, उसके जीवन से दुख, दरिद्रता और रोगों का नाश होता है. साथ ही, यह व्रत वंश वृद्धि और पारिवारिक सुख देने वाला भी माना जाता है.