Fake Vs Real Rs 10 Coin: बहुत से लोग मानते हैं कि केवल 100 रुपये, 500 रुपये या 1,000 रुपये जैसे उच्च मूल्यवर्ग के नोट ही नकली बनाए जाते हैं सिक्के नहीं. हालांकि हाल ही में आई रिपोर्टों ने 10 रुपये के नकली सिक्कों के प्रचलन को लेकर चिंता बढ़ा दी है. हालांकि नकली सिक्का बनाना नोट की तुलना में महंगा पड़ता है, फिर भी अफवाहों ने लोगों और दुकानदारों को उलझन में डाल दिया है. अब लोग सिक्के का डिज़ाइन देखते हैं, धारियां गिनते हैं, रुपए का चिन्ह चेक करते हैं और देश के नाम की जगह पर भी शक करते हैं.कुछ लोग मानते हैं कि नकली सिक्कों में 10 की जगह 15 धारियां होती हैं या फिर असामान्य निशान बने होते हैं. इस वजह से कई लोगों को 10 रुपये के सिक्के लेने में हिचकिचाहट हो रही है, कुछ का दावा है कि उनका प्रचलन बंद हो गया है. तो चलिए जानते हैं कि असली सिक्के की पहचान कैसे करें और कोई दुकानदार इसे लेने से मना करे तो क्या करें?
असली सिक्के की पहचान कैसे करें ? (How To Identify A Genuine Rs 10 Coin)
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने कथित तौर पर स्पष्ट किया है कि ये अफ़वाहें झूठी हैं. सिक्के भारत सरकार द्वारा ढाले जाते हैं और कभी-कभी अलग डिज़ाइन या मूल्यवर्ग में जारी किए जाते हैं. जैसे कि 2009 में जारी 10 रुपये के सिक्कों में 15 धारियां हैं जो भीतरी और बाहरी वृत्तों पर एक-दूसरे को ओवरलैप करती हैं और बीच में अशोक स्तंभ और सत्यमेव जयते अंकित हैं.
2011 में जारी सिक्कों में धारियों की संख्या घटाकर 10 कर दी गई ओवरलैपिंग पैटर्न हटा दिया गया और अंक 10 के ऊपर रुपये का चिह्न जोड़ दिया गया. दोनों प्रकार के सिक्के वैध हैं और लेन-देन के लिए मान्य हैं.
नकली सिक्के 15 धारियों या असामान्य उभार वाले पुराने डिज़ाइनों की नकल करने की कोशिश कर सकते हैं, लेकिन उनकी सटीक गुणवत्ता और फिनिशिंग बनाए रखना मुश्किल होता है. RBI केवल डिज़ाइन के अंतर के आधार पर किसी सिक्के को नकली मानने के खिलाफ चेतावनी देता है और जनता को सलाह देता है कि वे सभी 10 रुपये के सिक्कों को वैध मानकर स्वीकार करते रहें.
अगर कोई दुकानदार मना कर दे तो क्या करें ?
अगर कोई दुकानदार 10 रुपये का सिक्का लेने से मना कर दे, तो घबराएं नहीं और न ही अफवाहें फैलाएं. इसके बजाय सिक्के का सत्यापन करवाने के लिए बैंक से संपर्क करें. बैंक संदिग्ध सिक्कों को जांच के लिए RBI को भेज सकते हैं. अगर असली है तो सिक्का वापस कर दिया जाता है. अगर नकली है, तो पुलिस जांच शुरू की जा सकती है.
सभी बैंकों को सभी मूल्यवर्ग के सिक्के स्वीकार करने का निर्देश दिया गया है जो वैध मुद्रा हैं और नोटों में समान मूल्य प्रदान करते हैं. ऐसे सिक्के स्वीकार करने से इनकार करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 489A से 489E के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है. सुपरमार्केट, रेलवे टिकट काउंटर, टोल प्लाजा, डाकघर, सरकारी बसें और मॉल जैसी जगहों पर 10 रुपये के सिक्कों पर शायद ही कभी सवाल उठाए जाते हैं.
आपको क्या पता होना चाहिए
10 रुपये के सिक्के वैध मुद्रा हैं और डिज़ाइन में बदलाव उन्हें नकली नहीं बनाता. संदेह होने पर हमेशा बैंकों से पुष्टि करें, अफवाहें फैलाने से बचें और रोज़मर्रा के लेन-देन में इनका इस्तेमाल आत्मविश्वास से करते रहें.