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वो किताब जिसने बदल दी राज कपूर की किस्मत, क्या आप जानते हैं उसका नाम?

Raj Kapoor Bobby Film: राज कपूर ने कॉमिक्स से आईडिया लेकर 1973 में एक ऐसी फिल्म बनाई, जिसने बॉलीवुड में फैशन और रोमांस का एक नया ट्रेंड सेट कर दिया. उसी फिल्म से ऋषि कपूर और डिंपल कपाड़िया ने बॉलीवुड जगत में अपना डेब्यू भी किया था.

By: Shraddha Pandey | Published: September 28, 2025 6:16:56 PM IST



Raj Kapoor Life Story: बॉलीवुड में ‘बॉबी’ (Bobby) हमेशा यादगार फिल्मों में गिनी जाएगी. ये फिल्म 1973 में रिलीज हुई थी और राज कपूर (Raj Kapoor) के लिए एक नया एक्सपेरिमेंट साबित हुई. दिलचस्प बात यह है कि राज कपूर ने ये फिल्म बनाने का आइडिया कॉमिक्स से लिया था. वो चाहते थे कि कहानी जवानों की प्यार भरी दुनिया को दिखाए, थोड़ी ह्यूमर और रोमांस के साथ.

फिल्म में ऋषि कपूर (Rishi Kapoor) और डिंपल कपाड़िया (Dimple Kapadia) की जोड़ी ने दर्शकों का दिल जीत लिया. डिंपल का डेब्यू (Dimple Ka Debut) भी इस फिल्म से हुआ और उन्होंने उस समय सभी को चौंका दिया. ऋषि कपूर की मासूमियत और डिंपल की फ्रेशनेस ने स्क्रीन पर कमाल कर दिया. राज कपूर ने इस जोड़ी को इस तरह से पर्दे पर पेश किया कि लोग आज भी उनके किरदारों को याद करते हैं.

ऐसे हिट हुई थी ‘बॉबी’

‘बॉबी’ सिर्फ एक रोमांटिक फिल्म नहीं थी, बल्कि उसने बॉलीवुड की ट्रेंडिंग स्टाइल और फैशन को भी बदल दिया. जवान दर्शकों के लिए ये फिल्म उनके प्यार और स्टाइल की आइकॉनिक तस्वीर बन गई. खासकर, ऋषि कपूर की कूल और कैज़ुअल स्टाइल, और डिंपल कपाड़िया के फ्रेश लुक ने फिल्म को और भी हिट बना दिया.

राज कपूर का यूनीक आइडिया

राज कपूर ने इस फिल्म के जरिए यह दिखाया कि कैसे कॉमिक्स और रियल लाइफ स्टोरीलाइन को जोड़कर एक सुपरहिट फिल्म बनाई जा सकती है. ‘बॉबी’ ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाया और बॉलीवुड इतिहास में अपना नाम दर्ज करवा लिया. इस फिल्म ने युवा दर्शकों के लिए रोमांस का नया पैमाना तय किया और आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा बन गई.

बॉबी ने ऐसे रचा इतिहास

दिलचस्प बात यह है कि उस समय राज कपूर खुद कर्ज में डूबे हुए थे और उनका घर तक गिरवी रखा हुआ था. ऐसे मुश्किल हालातों में भी उनकी क्रिएटिविटी ने उनका साथ दिया. इस बीच उन्हें कॉमिक बुक आर्ची मिली. जिसे पढ़ते हुए उनकी नजर एक ऐसे डायलॉग पर पड़ी कि वो वहीं अटक गए. डायलॉग था- ’17 साल कोई छोटी उम्र नहीं होती, हमारी भी अपनी जिंदगी है और हमें उसका अहसास है.’ इसको पढ़ने के बाद जो हुआ, वो आज भी इतिहास के पन्नों में दर्ज है.

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