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मिल गया तमिलनाडु भगदड़ का विलेन, DGP ने किया ऐसा खुलासा, सुन दंग रह गए लोग

भगदड़ के पीछे की वजह को लेकर तमिलनाडु के कार्यवाहक डीजीपी जी. वेंकटरमन ने बड़ा खुलासा किया है.

By: Divyanshi Singh | Published: September 28, 2025 9:22:44 AM IST



Vijay Rally Stampede: तमिलनाडु में करूर में भगदड़ मचने से 39 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई. यह भगदड़ अभिनेता और राजनेता विजय की पार्टी टीवीके की एक रैली में मची. मरने वालों में 16 महिलाएं और 10 बच्चों की मौत हो गई. वहीं 51 लोग ICU में भर्ती हैं. बताया जा रहा है कि रैली में अनुमान से ज़्यादा भिड़ आ गई थी. वहीं विजय खुद अपने तय समय से देरी से पहुंचे. तेज धूप में ज्यादा समय तक खड़े रहने की वजह से कुछ लोग बेहोश हो गए. जिसके वजह से भगदड़ मच गई.

डीजीपी ने भगदड़ को लेकर कही ये बात

भगदड़ को लेकर तमिलनाडु के कार्यवाहक डीजीपी जी. वेंकटरमन ने कहा कि रैली के लिए दोपहर 3 बजे से रात 10 बजे तक की अनुमति दी गई थी. डीजीपी ने कहा कि भीड़ सुबह 11 बजे से ही इकट्ठा होने लगी थी. उन्होने कहा कि जब शाम 7:40 बजे विजय पहुंचे तब तक लोग बिना खाना-पिना के घंटों इंतज़ार कर रहे थे.

डीजीपी वेंकटरमन ने कहा कि  हमने पुलिस द्वारा उठाए जा रहे कदमों की समीक्षा की. इससे पहले टीवीके की रैलियों में कम भीड़ जुटती थी लेकिन इस बार उम्मीद से कहीं ज़्यादा भीड़ जुटी. हालांकि आयोजकों ने करूर में एक बड़े मैदान का अनुरोध किया था और लगभग 10,000 लोगों के आने की उम्मीद थी, लेकिन लगभग 27,000 लोग ही इकट्ठा हुए. विजय जिस प्रचार स्थल पर जनता को संबोधित करने वाले थे वहां 500 से ज़्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे.

पुलिस की भूमिका की सराहना

डीजीपी वेंकटरमन ने कहा कि विजय ने खुद पुलिस की भूमिका की सराहना की लेकिन ज़ोर देकर कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को भीड़ प्रबंधन की ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए. इसका मतलब यह नहीं है कि 27,000 की पूरी भीड़ के बराबर संख्या में पुलिस तैनात की जाए. इस दुखद घटना के कारणों का पता जांच के बाद ही चलेगा. एक सदस्यीय आयोग का गठन पहले ही किया जा चुका है.

500 पुलिसकर्मी तैनात 

डीजीपी ने बताया कि मृतकों में 12 पुरुष, 16 महिलाएं और 10 बच्चे शामिल हैं. घटना को बेहद दुखद बताते हुए उन्होंने कहा कि भीड़ उम्मीद से कहीं ज़्यादा थी. हालांकि, 500 से ज़्यादा पुलिस अधिकारी अभिनेता-राजनेता विजय को जिस कार्यक्रम स्थल पर भीड़ को संबोधित करना था, वहां पुलिस बल तैनात थे.

भूखे-प्यासे लोग कर रहे थे इंतज़ार

एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि हम खुद वहां मौजूद थे. विजय का सुबह 11 बजे आने का कार्यक्रम था लेकिन वह बहुत देर से पहुंचे. लोग बच्चों के साथ आए थे भूखे-प्यासे थेऔर विजय की एक झलक पाने के लिए घंटों खड़े रहे. नतीजतन स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई. हालांकि यह कहना मुश्किल है कि आयोजकों को भीड़ के बारे में पता था या नहीं लेकिन ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होनी चाहिए.

मुआवज़े का एलान

मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि सरकार ने भगदड़ की जांच के लिए एक आयोग का गठन किया है. इसकी अध्यक्षता सेवानिवृत्त न्यायाधीश अरुणा जगदीशन करेंगी. उन्होंने मृतकों के परिवारों के लिए 10-10 लाख रुपये और घायलों के लिए 1-1 लाख रुपये के मुआवजे की भी घोषणा की.

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