Gen Z यानी 1997 से 2012 के बीच पैदा हुए लोगों की पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को लेकर इंटरनेट पर जमकर चर्चा होती है. कुछ Gen Z की लाइफ की तारीफों में पुल बांधते हैं, तो कुछ इन्हें जमकर ट्रोल भी करते हैं. Gen Z की ट्रोलिंग के पीछे वजह भी साफ है, क्योंकि इनकी लैंग्वेज यानी भाषा, काम करने का तरीका, रिलेशनशिप स्टाइल और अजीबो-गरीब आदतें अक्सर इनसे पुरानी जनरेशन की समझ से बाहर की होती हैं.
न अंग्रेजी सही और न ही हिंदी! कौन-सी भाषा बोलते हैं Gen Z?
Gen Z की लैंग्वेज डिक्शनरी को समझना आज की डेट में Phd करने से ज्यादा मुश्किल है. यह कभी Slay करते हैं, तो कभी Yeet, Fam, No Cap, Rizz बोलकर सामने वाले का सिरदर्द कर देते हैं. कई बार तो Gen Z से पहले वाली जनरेशन्स को लगता है कि यह एलियन भाषा में बात कर रहे हैं. क्योंकि, हिंदी में बात करना इन्हें क्रिंज और ओल्ड फैशन लगता है और इंग्लिश में तो इन्होंने इतने शॉर्टकट लगा दिए हैं कि उन्हें डिकोड करने के लिए NASA ही भेजना पड़ेगा.
Gen Z को नहीं जमती है 9-5 वाली नौकरी!

अब आते हैं Gen Z के काम करने के तरीके पर. इन्हें सबसे पहले तो 9-5 वाली जॉब जमती नहीं है. पूरी जनरेशन को ट्रैवल करना है या उनपर सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर बनने का भूत सवार है. अगर गलती से यह नौकरी कर भी लें, तो इन्हें वर्क-फ्रॉम-कैफ, वर्क-फ्रॉम-हिल स्टेशन और सिर्फ 4 डे वीक चाहिए.
जहां पहले की जनरेशन खून-पसीना बहाकर काम करती थी, बॉस की डांट सुनती थी. वहीं, Gen Z इसे टॉक्सिक कल्चर कहते हैं. यह काम से ज्यादा मेंटल हेल्थ और वर्क लाइफ बैलेंस का ज्ञान देते नजर आते हैं.
Gen Z के लिए मजाक हैं रिलेशनशिप!
Gen Z के रिलेशनशिप्स तो ‘सीरियस’ शब्द से कोसों दूर हैं. इनके लिए सातों जन्म का प्यार दूर-दूर तक नहीं फटकता है. इनके रिलेशन सिर्फ सिचुएशनशिप, फ्रेंड्स विद बेनिफिट्स, घोस्टिंग, ब्रेडक्रंबिंग पर ही बेस्ड हैं. यह सिर्फ स्वाइप राइट और स्वाइप लेफ्ट से कनेक्ट करते हैं.
लैंग्वेज, काम और रिलेशनशिप्स के बाद खाने-पीने की आदतों पर तो क्या ही बात करना. जहां लोगों को चाय की चुस्की में सुकून मिलता था. वहां यह माचा और बबल टी ऑर्डर करना ही जानते हैं. कुल मिलाकर कहें तो मीम्स और सोशल मीडिया में खोई हुई इस जनरेशन को देख बाकी लोग अपना माथा जरूर पकड़ लेते हैं.