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मुगल हरम की औरतों पर बादशाह की होती थी पैनी नज़र, छोटी सी भूल पर मिलती थी सजा-ए-मौत!

हम आपको बताएंगे कि मुग़ल बादशाह हरम में फांसी घर क्यों बनवाते थे और हरम में मौजूद महिलाओं को कितनी सैलरी मिला करती थी.

By: Kavita Rajput | Published: September 25, 2025 6:43:37 PM IST



Mughal Harem Secrets: मुग़ल काल की कई अच्छी और बुरी बातें आज भी लोगों की जुबान पर है. ऐसा ही कॉन्सेप्ट है जिसे मुगलों की देन माना जाता है वो था ‘हरम’. यानी वो जगह जहां मुग़ल बादशाह दुनिया भर से लाई गईं एक से एक खूबसूरत महिलाओं को रखा करते थे. इन महिलाओं के साथ ही बेगमें और राजकुमारियां भी हरम में रहती थीं. इतिहास के जानकारों की मानें तो हरम में मौजूद हर महिला पर सिर्फ और सिर्फ बादशाह का ही अधिकार होता था. जो और जैसा बादशाह चाहें वैसा ही उन्हें करना पड़ता था. यहां तक कि हरम के कायदे-कानून भी बेहद सख्त हुआ करते थे. आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि मुग़ल बादशाह हरम में फांसी घर क्यों बनवाते थे और हरम में मौजूद महिलाओं को कितनी सैलरी मिला करती थी.

मुगल हरम की औरतों पर बादशाह की होती थी पैनी नज़र, छोटी सी भूल पर मिलती थी सजा-ए-मौत!

इस वजह से हरम में बनवाया जाता था फांसी घर 

हरम से जुड़े ढ़ेरों किस्से आज भी सुने और सुनाए जाते हैं. ऐसा ही एक किस्सा है कि हरम में बादशाह के अलावा और किसी की भी एंट्री नहीं होती थी. यदि कोई चोरी छिपे हरम में जाने की कोशिश भी करता तो उसे बहुत ही दर्दनाक मौत दी जाती थी. हरम की सुरक्षा व्यवस्था भी तीन लेयर में होती थी. सबसे बाहरी लेयर में आम सैनिक होते थे वहीं, दूसरी और पहली लेयर में किन्नर हरम की सुरक्षा में तैनात रहते थे. हरम के अंदर एक फांसी घर भी होता था. बताते हैं कि जब हरम के अंदर मौजूद कोई महिला किसी बाहरी शख्स के साथ संबंध बनाते पकड़ी जाती तो उसे हरम में ही फांसी देकर मौत की नींद सुला दिया जाता था. 

हरम में रखा जाता था सुख-सुविधा का पूरा ख़याल 

हरम में मौजूद महिलाओं की सुख सुविधा का पूरा-पूरा ध्यान रखा जाता था. यहां तक की बादशाह द्वारा उन्हें अलग-अलग ग्रेड्स के हिसाब से सैलरी भी दी जाती थी, जो दो रुपये से लेकर हजार रुपये के बीच होती थी. इतिहासकार बताते हैं कि हरम में देश-विदेश की एक से बढ़कर एक खूबसूरत महिलाएं बादशाह की सेवा में मौजूद रहती थीं. यही उनका ठिकाना होता था चूंकि बाहरी दुनिया में लौटना अब उनके लिए संभव नहीं था ऐसे में हरम के अंदर ही उनकी सुख सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाता था.

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