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Sexual Dysfunction: जानिए क्या है वो वजह जो बेडरूम से ऑफिस तक 31% पुरुषों की जिंदगी कर रही तबाह?

हर किसी का सपना होता है, अच्छी सैलरी, एक शानदार घर, लंबी-सी कार और चैन की नींद, लेकिन इन सबके बाद भी इंसान के लिए एक हेल्दी सेक्स लाइफ उतनी ही जरूरी है. आइए समझते हैं विस्तार से.

By: Shivashakti Narayan Singh | Published: September 25, 2025 5:23:25 PM IST



आज के समय में हर किसी का सपना होता है, अच्छी सैलरी, एक शानदार घर, लंबी-सी कार और चैन की नींद, लेकिन इन सबके बाद भी इंसान के लिए एक हेल्दी सेक्स लाइफ उतनी ही जरूरी है. क्योंकि सेक्स सिर्फ शारीरिक जरूरत नहीं, बल्कि मानसिक संतुलन और रिश्तों की मजबूती का भी अहम हिस्सा है.मर्क मैनुअल की एक रिसर्च बताती है कि दुनिया भर में करीब 31% पुरुष सेक्शुअल डिसफंक्शन की समस्या से जूझ रहे हैं. और दिक्कत सिर्फ बेडरूम तक ही सीमित नहीं रहती – ये आपके आत्मविश्वास, रिश्तों और यहां तक कि करियर को भी बुरी तरह प्रभावित कर सकती है.

सेक्शुअल डिसफंक्शन आखिर है क्या?

सीधी भाषा में कहें तो ये ऐसी स्थिति है जब आपका शरीर सेक्सुअल रिस्पॉन्स साइकिल (यानी उत्तेजना, इरेक्शन, ऑर्गेज्म और संतुष्टि) को पूरा नहीं कर पाता. नतीजा – न आप पूरी तरह संतुष्ट हो पाते हैं, न आपका पार्टनर.

क्यों होती है ये समस्या?

सेक्शुअल डिसफंक्शन के पीछे शारीरिक और मानसिक, दोनों ही कारण हो सकते हैं.

तनाव, चिंता या डिप्रेशन

रिश्तों में अनसुलझे झगड़े

डायबिटीज, हाई बीपी, हार्ट डिज़ीज़ जैसी बीमारियां

शराब या नशे का सेवन

कुछ खास दवाओं के साइड इफेक्ट

और हां, बढ़ती उम्र के साथ ये समस्या और कॉमन हो जाती है.

पुरुषों में सबसे आम 3 दिक्कतें

स्खलन संबंधी समस्याएं

शीघ्रपतन (Premature Ejaculation) – बहुत जल्दी वीर्य निकल जाना.

Delayed Ejaculation – वीर्य का देर से निकलना या बिल्कुल न निकलना.

Retrograde Ejaculation – वीर्य बाहर न आकर ब्लैडर में चले जाना.

इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ED)

जब पेनिस या तो हार्ड ही न हो पाए, या सेक्स के दौरान सख्ती बनाए न रख पाए.

लो लिबिडो (Low Libido)

यानी सेक्स करने की इच्छा ही कम हो जाना, जो अक्सर टेस्टोस्टेरोन के लो लेवल या मानसिक तनाव की वजह से होता है.

क्या है इसका इलाज?

सबसे ज़रूरी बात – ये कोई शर्म की बीमारी नहीं है और न ही ऐसा है कि इसका इलाज मुमकिन नहीं.

दवाएं: ब्लड फ्लो बढ़ाने वाली मेडिसिन्स से काफी मदद मिलती है.

हार्मोन थेरेपी: अगर टेस्टोस्टेरोन कम है तो डॉक्टर हार्मोन रिप्लेसमेंट या सप्लीमेंट्स सुझा सकते हैं.

लाइफस्टाइल चेंज: सही खानपान, नियमित व्यायाम, स्मोकिंग-ड्रिंकिंग से दूरी और तनाव कम करना भी बड़ा फर्क डालता है.

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