बॉलीवुड की दुनिया में अक्सर ऐसा होता है कि कुछ सितारे फिल्मों को ठुकरा देते हैं और बाद में वही फिल्में जब सुपरहिट या ब्लॉकबस्टर बन जाती हैं, तो उन्हें अफसोस होता है. हालांकि कुछ सितारों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. एक ऐसी ही दिलचस्प कहानी है सनी देओल और शाहरुख खान की, जो जुड़ी है फिल्म ‘दीवाना’ से. आइए जानते हैं इस फिल्म से जुड़ा रोचक किस्सा.
90 के दशक की शुरुआत में सनी देओल का स्टारडम चरम पर था. ऐसे में उन्हें फिल्म ‘दीवाना’ का ऑफर मिला. लेकिन कुछ कारणों से सनी देओल ने ये फिल्म करने से इनकार कर दिया. इस फैसले का नतीजा ये रहा कि एक नया चेहरा इंडस्ट्री में लॉन्च हुआ और वो रातों-रात स्टार बन गया.
शाहरुख की एंट्री कैसे हुई?
जब सनी देओल ने फिल्म करने से मना कर दिया, तब खुद धर्मेंद्र ने एक नाम सुझाया- शाहरुख खान. शाहरुख उस समय टीवी सीरियल्स में काम कर रहे थे और बड़े पर्दे पर उनके डेब्यू की कोई ठोस योजना नहीं थी. लेकिन ‘दीवाना’ ने उनके करियर की दिशा ही बदल दी.
हालांकि शुरुआत में शाहरुख भी फिल्म को लेकर संकोच में थे क्योंकि प्रोड्यूसर नए थे और उन्हें भरोसा नहीं था. लेकिन जब उन्होंने देखा कि ऋषि कपूर जैसे एक्टर इस प्रोजेक्ट से जुड़े हैं, तो उन्होंने हामी भर दी.
‘दीवाना’ में थी दमदार स्टारकास्ट
1992 में रिलीज हुई ‘दीवाना’ में शाहरुख खान के साथ दिव्या भारती और ऋषि कपूर मेन रोल में थे. फिल्म की कहानी, गाने और एक्टिंग को लोगों का भरपूर प्यार मिला. खासकर शाहरुख के इमोशनल और एनर्जेटिक परफॉर्मेंस ने सबका दिल जीत लिया.
बॉक्स ऑफिस पर धमाकेदार सफलता
फिल्म का बजट लगभग 4 करोड़ रुपये था, लेकिन इसने 13 करोड़ रुपये की वर्ल्डवाइड कमाई की- जो उस समय के लिहाज से एक बड़ी उपलब्धि थी. ‘दीवाना’ साल 1992 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में से एक साबित हुई.
शाहरुख की किस्मत बदल गई
ये फिल्म शाहरुख खान के करियर का टर्निंग पॉइंट बनी. ‘दीवाना’ के बाद उन्होंने एक के बाद एक हिट फिल्में दीं और जल्द ही बॉलीवुड के ‘बादशाह’ बन गए. ये कहना गलत नहीं होगा कि अगर सनी देओल ने फिल्म को ठुकराया न होता, तो शायद शाहरुख का डेब्यू किसी और फिल्म से होता, और ‘दीवाना’ की कहानी कुछ और होती.