Streets can be illuminated by tree lights: रात में जगमगाने वाले पेड़ों की कल्पना जल्द ही हकीकत में बदल सकती है. इसके पीछ की वजह जानकर आप बेहद ही दंग हो जाएंगे. तो आइए जानते हैं रात में जगमगाने वाले पेड़ों के बारे में.
वैज्ञानिक प्रकृति और बायोल्यूमिनेसेंस
वैज्ञानिक प्रकृति में पाए जाने वाले जैव-प्रकाश (Bioluminescence) की नकल करके ऐसे पौधे विकसित किए जा रहे हैं जो खुद रोशनी पैदा कर सकते हैं. यह विचार हॉलीवुड फिल्म ‘अवतार’ से प्रेरित है, जहां पूरा इकोसिस्टम चमकते पौधों से जगमग हो जाता है. वैज्ञानिकों का मानना है कि, आने वाले समय में भविष्य में इन चमकते पौधों को सड़कों पर स्ट्रीट लाइट की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
बेहद खास है पुरानी और नई तकनीक
इससे पहले भी कई वैज्ञानिकों ने आनुवंशिक इंजीनियरिंग (Genetic Engineering) का इस्तेमाल करके ऐसे पौधे बनाने की कोशिश की थी, लेकिन यह विधि महंगी थी इससे केवल हल्की हरी रोशनी ही पैदा हो पा रही थी. अब, एक नई और बेहतर विधि में अकार्बनिक कणों (Inorganic Particles) का इस्तेमाल किया जा रहा है. जिससे पेड़ों में रोशनी पैद की जा सके.
सक्युलेंट पौधों का होगा चयन
इसके इस्तेमाल के लिए मोटे पत्तों और तनों वाले सजावटी सक्युलेंट पौधों (Succulent Plants) को ही चुना गया है. ताकी इन पौधों के घने और समान रूप से फैले टिशू चैनल कणों (Tissue Channel Particles) को तेजी से फैलने में मदद मिल सके. सामान्य पौधों के मुताबिक, सक्युलेंट पौधे फॉस्फोर कणों को आसानी से अवशोषित (Absorbed) करने में सक्षम होते हैं. इन पौधों की खास बात यह है कि, सूरज की रोशनी या फिर एलईडी (LED) प्रकाश में रखने के कुछ ही मिनटों बाद इन पौधों की पत्तियां चमकने लगती हैं, और यह चमक लगभग दो घंटे तक ऐसे ही बनी रहती है.
भविष्य में उपयोग और फायदा
वैज्ञानिकों ने विभिन्न फॉस्फोर कणों (Phosphor Particles) को मिलाकर ऐसे पौधे भी बनाए हैं जो हरे, लाल-नीले और इसके अलावा सफेद रंग में भी चमकते हैं. यह नई तकनीक भविष्य में पर्यावरण के लिए काफी ज्यादा लाभदायक भी साबित हो सकती है. बस इंतजार है, इन चमकने वाले पेड़ों की पूरी तरह से बनकर तैयार होने की.