Mughal Harem Dark Secrets: भारतीय इतिहास के पन्नों को जब-जब पलटा जाता है, तब-तब मुगल साम्राज्य की भव्यता और विलासिता का जिक्र मिलता है. लेकिन, मुगल साम्राज्य में एक और ऐसी चीज थी जिसकी कहानियां आज भी लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचती है. जी हां, यह था मुगलों का हरम. मुगलों का हरम भोग और अय्याशी का अड्डा माना जाता था. जहां बादशाह की बीवीयां, शहजादियां, दासियां और रखैलें रहा करती थीं. कई मुगल बादशाहों के हरम में तो हजारों की संख्या में औरतें रहती थीं. लेकिन, कभी आपने सोचा है यह औरतें कहां से आती थीं और इन्हें कैसे चुना जाता था.
मुगल हरम में कहां से आती थीं हजारों की संख्या में औरतें?
मुगल हरम (Mughal Harem Women) का जिक्र कई इतिहासकारों ने किया है. लेकिन, इतिहासकार किशोरी शरण लाल ने अपनी किताब The Mughal Harem में यह बताया है कि मुगल हरम के लिए औरतें ज्यादातर खास मेलों से लाई जाती थीं. किताब के मुताबिक, हरम के लिए औरतें नौरोज और खुशरोज मेलों से लाई जाती थीं. इन मेलों में देश भर से सुंदर और कला प्रेमी महिलाएं और लड़कियां आती थीं. इसके बाद बादशाह अपनी पसंद की महिलाओं और लड़कियों को चुनता था और हरम में जगह देता था.
कौन-सी औरतें आती थीं बादशाह को पसंद?

इतिहासकार के मुताबिक, मुगल बादशाह (Mughal Emperor) की नजर बंगाली और कश्मीरी लड़कियों और महिलाओं पर ज्यादा टिकती थी. ऐसा माना जाता था कि बंगाली महिलाएं सुंदर होने के साथ-साथ संगीत और नृत्य में भी बेहतर होती हैं. वहीं, कश्मीरी महिलाओं के लिए ऐसा कहा जाता था कि उनका रंग और रूप बेहद खूबसूरत होता है. ऐसे में साफ है कि बादशाह सिर्फ उन्हीं महिलाओं को अपने हरम के लिए चुनता था जो मनोरंजन भी कर सकें और खूबसूरत भी हो.
मुगल हरम के लिए यह भी माना जाता है कि जब बादशाह किसी राज्य पर जीतकर आता था, तो वहां कि औरतों, रानियों और शहजादियों को गिरफ्तार करके ले आते थे. इतना ही नहीं, उन्हें हरम में रखते थे और भोग-विलास के लिए इस्तेमाल करते थे. हालांकि, इसमें कितना सत्य है और कितना नहीं, इसपर दावा करना मुश्किल है.
अय्याशी के साथ राजनीति का अड्डा भी था हरम!
इतिहासकारों ने ऐसा माना है कि हरम सिर्फ अय्याशी का अड्डा नहीं था. वहां कई राजनीतिक फैसले और साजिशें भी रची जाती थीं. जिसमें हरम की औरतें, दासियां और कई बार रानियां भी शामिल होती थीं.