आजकल जब AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की वजह से नौकरियों पर खतरे की खबरें आम हो गई हैं, तब भी OpenAI के Codex प्रोडक्ट लीड अलेक्जेंडर एम्बिरिकोस का मानना है कि यह कंप्यूटर साइंस पढ़ने का बेहतरीन समय है. उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि AI से डरने की बजाय इसे सीखने और बनाने का टूल समझना चाहिए. एम्बिरिकोस ने A16z पॉडकास्ट में कहा कि असली खतरा तब है जब कोई छात्र CS पढ़ रहा हो और उसका कॉलेज AI के इस्तेमाल की अनुमति ही न दे. उनके अनुसार, “अगर मैं अभी छात्र होता और AI का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं मिलती, तो मुझे लगता कि मैं पीछे छूट रहा हूँ.”
कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई क्यों अब भी जरूरी है?
कई लोग मानते हैं कि AI अब कोडिंग का बड़ा हिस्सा खुद कर लेगा. लेकिन एम्बिरिकोस का कहना है कि आने वाले समय में और भी ज्यादा सॉफ्टवेयर बनाए जाएंगे, और इसके लिए सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की जरूरत और बढ़ेगी. उनका मानना है कि छात्रों को पढ़ाई के दौरान AI का लगातार इस्तेमाल करना चाहिए ताकि वे भविष्य की जरूरतों के हिसाब से तैयार हों.
उन्होंने यह भी कहा कि जॉब इंटरव्यू में डिग्री से ज्यादा अहमियत इस बात की होती है कि उम्मीदवार ने खुद क्या बनाया है. “मैं नए ग्रैजुएट्स की प्रोफाइल देखता हूँ, तो सबसे बड़ा संकेत मुझे तभी मिलता है जब उन्होंने कोई प्रोजेक्ट बनाया हो और उसका लिंक प्रोफाइल पर दिया हो,” उन्होंने कहा.
AI के साथ बदलती पढ़ाई
AI टूल्स जैसे GPT-5 Codex ने कंप्यूटर साइंस की शिक्षा को हिला दिया है. कार्नेगी मेलॉन यूनिवर्सिटी के एसोसिएट डीन थॉमस कोर्टीना ने न्यूयॉर्क टाइम्स से कहा था कि AI के इस्तेमाल के बाद कई छात्रों को एहसास हुआ कि वे मूलभूत कॉन्सेप्ट्स को ठीक से समझ ही नहीं पाए. एम्बिरिकोस के अनुसार, यूनिवर्सिटीज को बैलेंस बनाना चाहिए. कुछ क्लासेज मैनुअल कोडिंग पर ध्यान दें ताकि छात्रों में आत्मविश्वास आए और बेसिक समझ बने. वहीं दूसरी क्लासेज AI के साथ प्रोजेक्ट बनाने पर फोकस करें ताकि छात्रों को असली प्रैक्टिकल अनुभव मिल सके.
OpenAI के अन्य अधिकारियों की राय भी यही है. चेयरमैन ब्रेट टेलर ने कहा कि CS डिग्री अब भी “सिस्टम्स थिंकिंग” विकसित करने में मदद करती है. वहीं शोधकर्ता स्जिमोन सिडोर ने हाई स्कूल छात्रों को सलाह दी है कि वे कोडिंग सीखना जारी रखें, भले ही AI कितना भी एडवांस क्यों न हो जाए.
नौकरियों को लेकर बढ़ती चिंता
इन सलाहों के बीच नौकरी छिनने का डर भी लगातार बढ़ रहा है. हाल ही में Google ने लगभग 200 कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स को निकाल दिया, जो Gemini चैटबॉट को ट्रेन करने का काम कर रहे थे. कई कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि उन्होंने उन्हीं सिस्टम्स को ट्रेन किया, जिन्होंने बाद में उनकी जगह ले ली.
OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने भी माना कि सबसे पहले AI ग्राहक सहायता (कस्टमर सपोर्ट) जैसी नौकरियों को रिप्लेस करेगा. उनके अनुसार, “फोन या कंप्यूटर पर होने वाला ज्यादातर कस्टमर सपोर्ट AI से बेहतर तरीके से हो सकेगा.” लेकिन उन्होंने यह भी जोड़ा कि प्रोग्रामिंग जैसी नौकरियां खत्म नहीं होंगी, बल्कि AI की वजह से कोडर्स और ज्यादा प्रोडक्टिव हो जाएंगे.
एलन मस्क की AI कंपनी xAI ने भी लगभग 500 कर्मचारियों को निकाला है, जो डेटा एनोटेशन का काम कर रहे थे. Anthropic के सीईओ डेरियो अमोडेई का अनुमान है कि अगले पांच सालों में AI तकनीक, वित्त, कंसल्टिंग और लॉ जैसी इंडस्ट्रीज में एंट्री-लेवल नौकरियों का लगभग 50% खत्म कर सकती है. IBM के सीईओ अरविंद कृष्णा ने भी बताया कि कंपनी पहले ही कुछ सौ HR नौकरियों को AI से रिप्लेस कर चुकी है और अब भर्ती का फोकस प्रोग्रामिंग और सेल्स जैसे क्षेत्रों पर है.