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Pitru Paksha 2025: क्या पितृ पक्ष में कर सकते हैं जानवरों का श्राद्ध? जानते हैं क्या लिखा है धर्मग्रंथों और गरुड़ पुराण में

Pitru Paksha 2025: पितृ पक्ष में पितरों की आत्मा की शांति और मुक्ति के लिए श्राद्ध किया जाता है। लेकिन क्या पितृ पक्ष में जानवरों का श्राद्ध किया जाता है?... तो चलिए जानते हैं यहां

By: chhaya sharma | Published: September 17, 2025 2:46:45 PM IST



Pitru Paksha 2025 Shradh: पितृ पक्ष में परिजनों की आत्मा की शांति और मुक्ति के लिए श्राद्ध किया जाता है, ऐसा इसलिए भी है क्योंकि कहा जाता है कि जिसके पितृ खुश रहते हैं, उसके परिवार में खुशहाली बनी रहे और करियर में भी खूब तरक्की मिलती है। जब बात प्रियजनों की आती है, तो इसमें घर के परिवार वालों के साथ-साथ घर के  पशु-पक्षियों भी शामिल होता हैं।

क्या पितृ पक्ष में जानवरों का श्राद्ध किया जाता है?

वहीं घर में जब किसी पशु-पक्षी की मृत्यु होती है, तो कई लगो उसकी आत्मा की शांति के लिए दान करते हैं और पौधे भी लगाते हैं। लेकिन कुछ लोग अपने घर के चहिते पशु-पक्षियों के लिए श्राद्ध करने की भी इच्छा रखते हैं. तो क्या ऐसा किया जा सकता है और क्या पितृ पक्ष में जानवरों का श्राद्ध किया जाता है? तो चलिए जानते हैं यहां.

क्या लिखा है धर्मग्रंथों और गरुड़ पुराण में पशु-पक्षियों का श्राद्ध करने के लिए

दरअसल, धर्मग्रंथों और गरुड़ पुराण के अनुसार पितृ पक्ष में पशु-पक्षियों का श्राद्ध करने के लिए कोई शास्त्रीय विधान नहीं बताया है और कहा गया है कि पितृ पक्ष में श्राद्ध सिर्फ मानव पितरों का ही किया जाता है. लेकिन ऐसा भी माना जाता है कि अगर कोई व्यक्ति अपने प्रिय पशु भावनतमक रूप से जुड़ा हो और उसकी मृत्यु हो गई हो, तो वो श्रद्धा में उनके लिए तर्पण या भोजन दान कर सकता है. लेकिन पशु के लिए औपचारिक श्राद्ध का कोई ऐसा नियम नहीं है.

जाने-अनजाने में हो जाए पशु हत्या, तो क्या करें

ऐसा भी कई बार होता है कि जाने-अनजाने हमसे पाप हो जाता है और किसी पशु-पक्षी की हमारे जरिए मृत्यु हो जाती है, जैसे एक्सीडेंट में कुत्ते, गाय या किसी अन्य पशु के प्राण जाना, तो ऐसे में उस व्यक्ति को भगवान के सामने अपनी गलती स्वीकार कर के उस पशु के नाम का मंदिर में दान करना चाहिए, कहा जाता है कि ऐसा करने से पशु मृत्यु का दोष नहीं लगता. बता दें कि 15 दिन चलने वाले पितृ पक्ष में परिजनों की आत्मा की शांति और मुक्ति के लिए श्राद्ध के दौरान कौए, गाय, कुत्ते, चींटी को भोजन कराने का प्रावधान है, ऐसा करने से  पितर प्रसन्न होते है.

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