ब्रेन ईटिंग अमीबा का प्रभाव सिर्फ केरल तक ही नहीं रुका बल्कि संक्रमण का असर अन्य पडोसी राज्यों तक पहुंच चुका है. ICMR के मुताबिक, साल 2019 तक देश में इस बीमारी के 17 मामले सामने आए थे लेकिन कोरोना महामारी के बाद कई तरह के संक्रमणों में उछाल देखने को मिला है.
अमीबा से कुल 18 लोगों की मौत
केरल में दिमाग खाने वाले अमीबा का खतरा और बीमारों की संख्या लगातार बढ़ते जा रहे हैं. एक महीने के भीतर अब तक राज्य में इस अमीबा से कुल 18 लोगों की मौत हो चुकी है. राज्य में संक्रमण की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) ने निगरानी बढ़ा दी है और मेडिकल कॉलेजों के साथ-साथ जिला अस्पतालों को अलर्ट पर रहने का निर्देश दिए है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के अनुसार, केरल में दिमाग खाने वाले अमीबा के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) और राज्य स्वास्थ्य विभाग स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं. इस अमीबा की लैब टेस्टिंग और महामारी से जुड़े विज्ञान की जांच (Epidemiological Investigations) की जा रही है.
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67 मामले प्रकाश में, 18 लोगों की मौत
केरल राज्य के स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट पर 14 सितंबर 2025 को इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम के तहत आंकड़े जारी किए गए. जिसके अनुसार, केरल में इस वर्ष अमीबिक मेनिंगोएन के 67 मामले प्रकाश में आए है जिनमें से 18 लोगों की मौत हो चुकी है.
वाटर सेफ्टी के साथ-साथ स्वच्छता के प्रति सतर्क और जागरूक रहने की सलाह
केरल सरकार की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने अमीबिक मेनिंगोएन्सेफेलाइटिस से निपटने के लिए सख्त गाइडलाइंस की आवश्यकता पर जोर दिया है और जनता को वाटर सेफ्टी के साथ-साथ स्वच्छता के प्रति सतर्क और जागरूक रहने की सलाह दी है.