हिंदी सिनेमा की मशहूर अभिनेत्री मौसमी चटर्जी (Moushumi Chatterjee) ने एक इंटरव्यू में अपने करियर के शुरुआती दिनों का एक ऐसा अनुभव साझा किया, जिसने उनकी जिंदगी और सिद्धांतों को झकझोर कर रख दिया. उन्होंने बताया कि कैसे उन्हें कच्चे धागे (kucche Dhage) नामक फिल्म की शूटिंग के बारे में बताया. एक सीन के दौरान उन्हें बैकलेस ब्लाउज पहनाने की कोशिश हुई, जबकि उन्होंने बचपन से ही तय कर रखा था कि वे केवल साड़ी पहनेंगी और अपने कपड़ों तथा पहनावे को लेकर बहुत सख्त रहेंगी.
साल 1973 में बनी इस फिल्म के सेट पर कॉस्ट्यूम डिजाइनर मणि जे रबाडी ने उन्हें एक बेहद खुला बैकलेस ब्लाउज और छोटा घाघरा पहनने के लिए कहा. जब मौसमी ने यह कपड़ा देखा, तो उन्हें नंगी जैसा महसूस हुआ. उन्होंने रोते-रोते अपने पति को फोन किया और कहा कि वापस कोलकाता भेज दिया जाए, वे अब इस तरह के सेट पर काम नहीं करेंगी.
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एक्ट्रेस के पूरे कपड़े ले लिए गए
वास्तव में, सेट पर उनके सभी अन्य कपड़े ले लिए गए थे, जिससे उनकी असहजता और बढ़ गईं. आखिर में, पति ने उन्हें समझाया और उन्होंने खुद भी हिम्मत दिखाया. इसके बाद उनकी खुद के आत्मविश्वास ने उन्हें फिल्म पूरी करने पर मजबूर किया.
कई बड़ी फिल्में ठुकराई
इतना ही नहीं, मौसमी ने यह भी बताया कि उन्होंने कई बड़ी फिल्में भी ठुकराई क्योंकि वे अपनी सीमाओं को नहीं तोड़ना चाहती थीं. उदाहरण के लिए, उन्होंने ऋषिकेश मुखर्जी (Rishikesh Mukerji) की फिल्म गुड्डी छोड़ दी क्योंकि उनसे छोटी स्कर्ट पहनने को कहा गया था. वही भूमिका बाद में जया बच्चन को दी गई, जिसके बाद फिल्म सुपरहिट हुई थी.
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