PM Modi Manipur Visit: साल 2023 में मणिपुर में भड़की हिंसा ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हुई हिंसा में जान-माल का काफी नुकसान हुआ था. आखिरकार मामले को संभालने के लिए सेना भेजनी पड़ी, जिसके बाद अब वहां शांति है. अब इसी कड़ी में पीएम नरेंद्र मोदी शनिवार, 13 सितंबर 2025 को मणिपुर के दौरे पर हैं.
बता दें कि 2023 की हिंसा के बाद यह उनका पहला दौरा है. यहां पीएम ने चुराचांदपुर में विस्थापित परिवारों से मुलाकात की और शांति की अपील की. इसके अलावा 7,300 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया. पीएम मोदी का चुराचांदपुर और इंफाल दोनों का दौरा काफी अहम है. आइए जानते हैं कुकी और मैतेई लोगों की आबादी कितनी है और इसमें हिंदू-मुस्लिम और ईसाई धर्म के कितने लोग हैं?
कुकी और मैतेई आबादी पर एक नजर
सांस्कृतिक समृद्धि और ऐतिहासिक महत्व से परिपूर्ण मणिपुर भारत के खूबसूरत राज्यों में से एक है, लेकिन कुकी और मैतेई समुदायों के बीच भड़की हिंसा का असर पूरे राज्य में महसूस किया गया. रिपोर्टों के अनुसार, यह हिंसा ज़मीन, संसाधनों और पहचान को लेकर हुई थी. अगर मणिपुर की जनसंख्या की बात करें, तो 2011 की जनगणना के अनुसार, यहां की कुल जनसंख्या लगभग 28.56 लाख थी, जिसमें से 15 लाख मैतेई और लगभग 7-8 लाख कुकी हैं. बाकी नागा और अन्य समूहों से ताल्लुक रखते हैं.
जानकारी के लिए बता दें कि मैतेई समुदाय को मणिपुरी कहा जाता है. ये मुख्य रूप से इम्फाल घाटी में रहते हैं, जो राज्य के केवल 10 प्रतिशत क्षेत्र को कवर करता है. वहीं, कुकी, नागा और अन्य जनजातियों की जनसंख्या में हिस्सेदारी 35.40 प्रतिशत है.
कुकी और मैतेई किस धर्म को मानते हैं?
नागा और कुकी मुख्यतः ईसाई धर्म का पालन करते हैं. दूसरी ओर, मैतेई लोग मुख्यतः हिंदू धर्म का पालन करते हैं. हालाँकि कुछ लोग इस्लाम धर्म का भी पालन करते हैं, जिन्हें पंगल कहा जाता है, लेकिन उनकी आबादी बहुत कम है. कुल मुस्लिम आबादी 8.4 प्रतिशत है. पिछली जनगणना के अनुसार, मणिपुर की कुल हिंदू आबादी 41 प्रतिशत थी.
इसके अलावा, मैतेई लोग राज्य की राजनीति, अर्थव्यवस्था और संस्कृति पर हावी हैं. कृषि, व्यापार और सरकारी नौकरियों में इनका दबदबा है. लेकिन मैतेई लोग पहाड़ी इलाकों में न तो बस सकते हैं और न ही ज़मीन खरीद सकते हैं. कुकी समुदाय की बात करें तो ये लोग पहाड़ी ज़िलों में रहते हैं और ज़्यादातर कृषि, बागवानी और छोटे-मोटे व्यवसायों से जुड़े हैं.
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