Mughal Harem Dark Secrets: मुगल काल की शान-ओ-शौकत के साथ-साथ एक और चीज मशहूर थी और वह था हरम. हरम को लेकर आज भी कई ऐसी बातें हैं जो सामने आती हैं तो लोग हैरान रह जाते हैं. इन्हीं बातों में से एक है मुगल हरम की औरतों का शाही स्नान. इतिहास के पन्नों में झांकने पर पता लगता है कि मुगल हरम की औरतें आम लोगों की तरह पानी से नहीं नहाती थीं. बल्कि उनका नहाने का अंदाज शाही और एकदम हटकर होता था.
इस महंगी चीज से नहाती थीं मुगल हरम की औरतें
कई इतिहासकारों ने अपनी किताबों में मुगल काल की विलासिता और हरम का जिक्र किया है. इन्हीं से पता लगता है कि मुगल हरम में बादशाह की बीवियां, शहजादियां और रखैलें पानी से नहीं नहाती थीं. जी हां, उस समय साबुन या बॉडीवॉश नहीं होता था, जिससे नहाने के बाद शरीर महकने लगे. ऐसे में अपना शरीर पूरे दिन महकाने और बादशाह के करीब जाने पर सुगंधित रहने के लिए मुगल हरम की औरतें कीमती इत्र से नहाती थीं.

पानी में इत्र मिलाकर या फिर नहाने के बाद उससे अपना शरीर महकाने का वह काम करती थीं. इत्र के अलावा वह गुलाब जल से भी नहाया करती थीं. कहा जाता है कि मुगल हरम की औरतें अपने स्नान घर में टब बनवाती थीं, जिसमें वह गुलाब की पंखुड़ियां, केसर और महकदार जड़ी-बूटियां डालकर नहाती थीं. इससे उनका शरीर तो साफ रहता ही था और वह महकती भी रहती थीं.
इत्र से नहाने के पीछे थी खास वजह
मुगल हरम की औरतों का जीवन सिर्फ एक ही मकसद पर चलता था और वह था बादशाह को अपनी तरफ आकर्षित रखना. क्योंकि, अगर बादशाह आकर्षित रहेगा तो दरबार से लेकर हरम की अन्य औरतों में भी उसकी पूछ होगी. ऐसे में बादशाह और शहजादों को रिझाने के लिए हरम की औरतें इत्र से नहाती थीं. ऐसा माना जाता है कि मुगल बादशाहों को इत्र का खूब शौक हुआ करता था, क्योंकि यह अमीरी और विलासिता का प्रतीक होता है.
रात में छिपकर नदी में नहाने जाती थीं मुगल औरतें
इतिहास के पन्नों को पलटकर देखें तो उनके मुताबिक, मुगल हरम की औरतें रात के समय किले से निकलती थीं और यमुना नदी में नहाने जाया करती थीं. रात के समय वह दूसरे लोगों की नजरों से बचकर निकलती थीं. ऐसे में उनकी रखवाली के लिए हरम के किन्नर साथ जाते थे.