VP Election Result 2025: उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने बंपर जीत हासिल की है. पहले दोनों सदनों में मिलाकर एनडीए उम्मीदवार को 427 वोट मिलने की संभावना थी, लेकिन नतीजा सामने आने के बाद सभी के होश उड़ गए. राधाकृष्णन को उम्मीद से कहीं ज़्यादा 452 वोट मिले हैं। इससे साफ है कि एनडीए ने विपक्षी खेमे में भी सेंध लगा दी है. वोट संख्या को देखें तो कम से कम 15 वोट विपक्षी खेमे से सीपी राधाकृष्णन को मिले हैं.
अब इसको लेकर सवाल उठ रहे हैं कि एकजुटता दिखाने वाले विपक्ष में किसने एनडीए का साथ दिया और सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति चुनाव में जीत दिलाई. इसमें सबसे ज्यादा शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) का नाम उठ रहा है. और इसके पीछे कई सारी वजह हैं.
वोटिंग को लेकर शिवसेना का इतिहास
शिवसेना (उद्धव गुट) ने भी इंडिया अलायंस के बी. सुदर्शन रेड्डी को समर्थन देने का ऐलान किया था। लेकिन नतीजा अलग रहा. शिवसेना का वोटिंग इतिहास बहुत कुछ कहता है. अब आपको याद दिला दें कि जब कांग्रेस की प्रतिभा पाटिल राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार थीं, तब शिवसेना, एनडीए का हिस्सा होते हुए भी, कांग्रेस के समर्थन में खड़ी थी. शिवसेना ने तब साफ़ कहा था कि प्रतिभा पाटिल महाराष्ट्र की बेटी हैं, इसलिए उसने एनडीए की लाइन से हटकर उन्हें वोट दिया.
हालांकि, खबर यह भी सामने आई है कि वोटिंग से पहले उद्धव ने पार्टी सांसदों से खुलकर तो कुछ नहीं कहा, लेकिन यह जरूर कहा कि ‘अंतरात्मा की आवाज पर अंतिम फैसला लिया जाना चाहिए.’ इसे क्रॉस वोटिंग की अनुमति देने के तौर पर देखा जा रहा.
शिवसेना (उद्धव गुट) क्यों उठाया ये कदम?
सवाल यह भी उठता है कि शिवसेना (उद्धव गुट) ने राधाकृष्णन पर मेहरबानी क्यों दिखाई? बता दें कि राधाकृष्णन महाराष्ट्र के राज्यपाल रह चुके हैं. इस दौरान उन्होंने कई ऐसे फैसले लिए जिनकी स्थानीय स्तर पर खूब सराहना हुई. इसी वजह से जानकारों का मानना है कि उद्धव गुट के कुछ सांसद भी उनकी तरफ झुके और क्रॉस वोटिंग की.
उद्धव गुट के अलावा आम आदमी पार्टी पर भी सवाल उठ रहे हैं. हालांकि दोनों ही पार्टियों ने इससे इनकार किया है. लेकिन इससे विपक्षी एकता की पोल खुल गई है.