आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को लेकर हर दिन नई-नई चेतावनियां सामने आती रहती हैं. इस बार चेतावनी दी है Geoffrey Hinton ने, जिन्हें “Godfather of AI” कहा जाता है और जिन्हें नोबेल पुरस्कार भी मिल चुका है. Hinton का कहना है कि आने वाले समय में Generative AI दुनिया में अमीर और गरीब के बीच की खाई को और गहरा कर देगा.
AI से अमीर होंगे और अमीर
Financial Times को दिए इंटरव्यू में Hinton ने कहा कि AI केवल नौकरियां खत्म करने वाला टूल नहीं है, बल्कि यह पूरी अर्थव्यवस्था को बदल सकता है. उनका मानना है कि अमीर लोग AI का इस्तेमाल मजदूरों की जगह मशीनों से काम करवाने के लिए करेंगे. इससे कंपनियों का मुनाफा तो तेजी से बढ़ेगा, लेकिन आम लोगों की नौकरियां छिन जाएंगी. Hinton के मुताबिक, “AI अमीरों को और ज्यादा अमीर बनाएगा और ज्यादातर लोग और गरीब हो जाएंगे. इसमें गलती AI की नहीं बल्कि पूंजीवादी सिस्टम की होगी.”
आर्थिक असमानता और बेरोजगारी का खतरा
Hinton का कहना है कि AI के कारण दुनिया में बेरोजगारी बढ़ेगी, क्योंकि इंसानी काम को मशीनें रिप्लेस कर देंगी. इससे फायदा केवल उन लोगों को होगा जिनके पास पहले से पैसा और संसाधन हैं. जो लोग पहले से संघर्ष कर रहे हैं, उनकी स्थिति और खराब हो सकती है. उन्होंने कहा कि AI कार्ल मार्क्स की भविष्यवाणी से भी बड़ा खतरा है, क्योंकि यह सीधे तौर पर शक्ति संतुलन को बदल सकता है.
इंसानों से ज्यादा बुद्धिमान हो जाएगा AI?
Hinton सिर्फ आर्थिक खतरे की ही बात नहीं कर रहे, बल्कि उनका कहना है कि एक दिन AI इंसानों से ज्यादा स्मार्ट हो सकता है. अगर ऐसा हुआ, तो इंसान उसे कंट्रोल नहीं कर पाएंगे. “जब आपका असिस्टेंट आपसे बहुत ज्यादा बुद्धिमान हो जाएगा, तब आप उस पर कैसे नियंत्रण रख पाएंगे?” उन्होंने सवाल किया.
“AI को मां जैसा बनाना होगा”
Hinton ने एक अनोखा समाधान सुझाया. उन्होंने कहा कि AI को इस तरह ट्रेन करना चाहिए कि उसमें मां जैसी प्रवृत्ति हो. जैसे मां अपने बच्चे की परवाह करती है और उसका नुकसान नहीं करती, वैसे ही AI को इंसानों को अपने बच्चों की तरह मानना चाहिए. उन्होंने कहा, “अगर बच्चे अपनी मां को कंट्रोल न कर पाते तो वे जिंदा नहीं रह पाते. इसलिए हमें AI को ‘मां’ की तरह ट्रेन करना होगा, ताकि वह हमेशा इंसान की सुरक्षा को प्राथमिकता दे.”