Nepal Protest: सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के विरोध में नेपाल में भड़की हिंसा को देखते हुए भारत-नेपाल की सभी सीमाओं पर अलर्ट जारी कर दिया गया है। बिहार के सात जिलों पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, अररिया, सुपौल, पूर्वी चंपारण और किशनगंज की सीमाओं को सील कर दिया गया है। एक अधिकारी ने जानकारी दी, उन्होंने बताया कि सीमा पर आने-जाने वालों की कड़ी तलाशी ली जा रही है और सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) को सतर्क कर दिया गया है।
सीमावर्ती थाना क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाई
अररिया के पुलिस अधीक्षक अंजनी कुमार ने सोमवार को बताया कि नेपाल के हालात को देखते हुए जिले की सीमा पर तैनात पुलिस और एसएसबी के जवानों को किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए हाई अलर्ट जारी कर दिया गया हैं। उन्होंने कहां कि सीमावर्ती थाना क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी गई है और सीमा पार से आने-जाने वाली गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
एसएसबी 52वीं बटालियन के कमांडेंट महेंद्र प्रताप ने भी बताया कि बिहार से सटी नेपाल सीमा पर फिलहाल शांति है, लेकिन सुरक्षा बल पूरी तरह से ‘अलर्ट मोड’ में हैं। उन्होंने बताया कि जवान सीमा पर हर गतिविधि पर नजर रख रहे हैं और स्थानीय प्रशासन के लगातार संपर्क में हैं।
झड़प में 14 लोगों की मौत
नेपाल में कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध को लेकर युवाओं और पुलिस के बीच हुई झड़प में 20 की मौत और 300 से ज्यादा लोग घायल हो गए। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना तैनात की गई है। काठमांडू में कर्फ्यू के आदेश जारी कर दिए गए हैं। इसके तहत, चारों जिलों में किसी का भी प्रवेश, सभा, जुलूस या प्रदर्शन प्रतिबंधित रहेगा। हिंसा को रोकने के लिए सड़कों पर बड़ी संख्या में सैनिकों को तैनात किया गया है। नेपाल के गृह मंत्री रमेश लेखक ने मौजूदा हालात के चलते अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। हालात बिगड़ने के बाद राजधानी काठमांडू में नेपाली सेना तैनात कर दी गई है। सेना के जवानों ने न्यू बानेश्वर स्थित संसद परिसर के आसपास की सड़कों पर नियंत्रण कर लिया है। इससे पहले, स्कूली छात्रों समेत हज़ारों युवा काठमांडू में ‘जनरेशन ज़ेड’ के बैनर तले संसद भवन के सामने इकट्ठा हुए और प्रतिबंध तुरंत हटाने की मांग करते हुए सरकार विरोधी नारे लगाए।
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