Lunar Eclipse Beliefs: चंद्रग्रहण एक अद्भुत खगोलीय घटना है, जिसे विज्ञान तो इसे आसानी से धरती-चंद्रमा-सूरज की सरल सी स्थिति से समझा देता है, लेकिन दुनिया भर की संस्कृतियों में यह घटना रहस्यों, मान्यताओं और कल्पनाओं से घिरी हुई है। भारत में जहाँ राहु-केतु की पौराणिक कथा से जोड़ा जाता है वहीँ चीन में चंद्रमा को निगलते ड्रैगन की कहानी से जोड़ा जाता है। चंद्रग्रहण के इस प्राकृतिक घटना को इंसानी कल्पना ने हमेशा गहराई से देखा है। क्या है इन मान्यताओं की जड़? और क्यों आज भी कई लोग इस खगोलीय क्षण को एक अलौकिक संकेत मानते हैं?
आइए, जानते हैं चंद्रग्रहण से जुड़ी इन विचित्र लेकिन दिलचस्प मान्यताओं के पीछे की कहानियां। भारत से लेकर चीन, अफ्रीका, यूरोप और इस्लामिक परंपराओं तक…
भारत में चंद्रग्रहण को लेकर मान्यताएं
दरअसल आज यानी रविवार रात को चंद्रग्रहण लगने वाला है, जो भारत समेत कई जगहों पर दिखाई देगा। भारतीय सनातन परंपरा में चंद्रग्रहण को राहु-केतु की पौराणिक कथा से जोड़ा जाता है। ऐसा माना जाता है कि स्वर्भानु नाम का एक राक्षस का सिर राहु बनकर चंद्रमा को निगल जाता है, जिससे ग्रहण लगता है। गर्भवती महिलाओं को चंद्रग्रहण के दौरान, सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। ग्रहण के दौरान शुभ कार्य, पूजा-पाठ आदि भी नहीं किए जाते हैं। अन्य सभ्यताओं में भी चंद्रग्रहण को लेकर अलग-अलग मान्यताएँ हैं।
इस्लाम में चंद्रग्रहण को लेकर मान्यताएं
इस्लाम में, ग्रहण एक धार्मिक घटना है, जिसके दौरान नमाज़ पढ़ने और प्रार्थना करने का रिवाज़ है। इसे अशुभ नहीं माना जाता, बल्कि ईश्वर की महानता का स्मरण कराने का समय माना जाता है।
दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका में क्या हैं मान्यताएं?
दक्षिण अमेरिकी इंका सभ्यता में, ग्रहण को सूर्य देवता की नाराजगी और क्रोध का प्रतीक माना जाता था और इसे शांत करने के लिए विशेष बलिदान दिए जाते थे। मूल अमेरिकी ओजिब्वा जनजातियों की कथाओं में, ग्रहण को आत्माओं की चेतावनी और असंतुलन का संकेत माना जाता था। वहीं, पश्चिम अफ्रीका के टोगो-बेनिन क्षेत्र में, ग्रहण को सूर्य और चंद्रमा के बीच लड़ाई माना जाता था, और इस समय लोग पुराने मतभेदों को सुलझाकर शांति बढ़ाते हैं।’
चीन में क्या है मान्यताएं?
प्राचीन चीन में, ग्रहण को एक दैवीय संकेत माना जाता था और इसे सम्राट के भविष्य से जोड़ा जाता था। ऐसी मान्यता थी कि एक बड़ा अजगर या ड्रैगन चंद्रमा को निगल जाता है। ग्रहण के दौरान, लोग ढोल बजाते और शोर मचाते थे ताकि अजगर या ड्रैगन डर जाएँ और चंद्रमा को छोड़ कर वापस लौट जाएँ।
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यूरोप की मान्यताएं
प्राचीन ग्रीस-यूरोप में, ग्रहण को देवताओं के क्रोध और आने वाली बुरी घटनाओं का संदेश माना जाता था। नॉर्स (स्कैंडिनेवियाई) मान्यता के अनुसार, दो विशाल भेड़िये, स्कोल और हाटी, चंद्रमा और सूर्य का पीछा करते हैं और ग्रहण तभी होता है जब वे पकड़े जाते हैं।
इटली की मान्यताएं
इटली में चंद्रग्रहण को लेकर ख़ास मान्यताएं हैं। वहां यह माना जाता है कि ग्रहण के दौरान लगाए गए फूल वर्ष के किसी भी अन्य समय में लगाए गए फूलों की तुलना में अधिक चमकीले और रंगीन होते हैं।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण में क्या कहते हैं ?
आधुनिक विज्ञान के अनुसार, ग्रहण केवल एक खगोलीय घटना है। चंद्र ग्रहण के दौरान, पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है, जिससे उसका रंग बदल जाता है या वह काला हो जाता है।
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