Chandra Grahan 2025: इस साल भारत में 7 सितंबर को चंद्र ग्रहण लगने वाला है. शास्त्रों के अनुसार ग्रहण के समय राहु का प्रभाव बढ़ जाता है और वातावरण में नेगिटिव एनर्जी रहती है. इसी दौरान लोग खाने में तुलसी के पत्ते डालते हैं. पर क्या आप इसके पीछे की वजह जानते हैं. तो आइए समझते हैं कि चंद्र ग्रहण के दौरान खाने में तुलसी के पत्तों को डालने का क्या महत्व है.
चंद्र ग्रहण कब लगने वाला है?
धार्मिक मान्यताओं की मानें तो चंद्र ग्रहण को एक अशुभ घटना के रूप में देखा जाता है। इस साल देश का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण 7 सितंबर को लगने वाला है। जिसकी शुरूआत रात 9 बजकर 57 मिनट पर होगी और इसकी समाप्ति 8 सितंबर की देर रात 1 बजकर 26 मिनट पर होगी. ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार चंद्र ग्रहण के समय राहु का प्रभाव बढ़ जाता है, जो नकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ा देता है। इसीलिए चंद्र ग्रहण के समय तुलसी के पत्तों को डाला जाता है तो आइए जानते हैं कि इसका धार्मिक महत्व क्या है?
Chandra Grahan 2025: बाजार और व्यापार पर पड़ेगा असर, राशियों के अनुसार आर्थिक फैसलों में सावधानी जरूरी
तुलसी का धार्मिक महत्व क्या है?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण काल में तुलसी को बहुत शुभ माना जाता है। इसलिए चंद्र ग्रहण के दौरान दूध, जल और भगवान को भोजन अर्पित करते समय तुलसी दल को डालने से वो अशुद्ध नहीं होता है और नकारात्मक ऊर्जा का असर उसपर नहीं पड़ता है। यही कारण है कि चंद्र ग्रहण से पहले तुलसी को खाने में डाला जाता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चंद्र ग्रहण शुरु होने से पहले घर में लगे तुलसी के पौधे को आंगन के मध्य भाग में रखना चाहिए। ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती है और घर पर सकारात्मकता बनी रहती है। ग्रहण शुरू होने के कुछ घंटे पहले आप खाने की सभी चीजों में तुलसी के पत्ते डाल दें जिससे वो शुद्ध रहें.