New GST Rates: केंद्र सरकार ने 3 सितंबर 2025 की रात को देश के सभी आम नागरिकों को राहत भरी खबर दी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 12 प्रतिशत जीएसटी स्लैब वाली 99 प्रतिशत वस्तुओं को 5 प्रतिशत टैक्स स्लैब में रखा गया है। वहीं, 28 प्रतिशत जीएसटी स्लैब वाली 90 प्रतिशत वस्तुओं को 18 प्रतिशत जीएसटी स्लैब में कर दिया गया है। इसके अलावा, सभी आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी शून्य कर दिया गया है। ऐसे में ये सवाल है कि क्या इसके बाद बाजार में पहले से मौजूद सामान भी सस्ते हो जाएँगे?
क्या पुराना स्टॉक होगा सस्ता?
क्या दुकानों में पहले से मौजूद सामान, जिन पर पुरानी जीएसटी दरों के अनुसार कर लगता था, अब सस्ता हो जाएगा? आपके मन में सवाल जरूर आया होगा अगर नहीं आया है तो फिर भी इसका जवाब पढ़कर जरूर जाइए। इस सवाल का जवाब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खुद दिया है उन्होंने कहा कि जीएसटी में कटौती का लाभ तुरंत लागू होगा और कंपनियों को नई दरों के अनुसार कीमतें अपडेट करने के निर्देश दिए गए हैं। हालाँकि, पहले से मौजूद स्टॉक के लिए कुछ शर्तें हैं।
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इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी): दुकानदार और निर्माता पुराने स्टॉक पर पहले से चुकाए गए कर का आईटीसी दावा कर सकते हैं। इससे उनके लिए नई दरों पर सामान बेचना आसान हो जाएगा। सीतारमण ने कहा कि जीएसटी पोर्टल पर पहले से भरे रिटर्न और तेज़ रिफंड प्रक्रिया यह सुनिश्चित करेगी कि व्यवसायी नई दरों को जल्दी लागू करें। कंपनियों की ज़िम्मेदारी: FMCG कंपनियों को नई दरों के अनुसार MRP अपडेट करने के निर्देश दिए गए हैं। अगर कोई कंपनी पुराने MRP पर सामान बेचती है, तो इसे मुनाफाखोरी माना जाएगा और उपभोक्ता न्यायालय या भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई करेगा।
पुराने स्टॉक: बाज़ार में पुराना स्टॉक खत्म होने में 2-4 हफ़्ते लग सकते हैं। इस दौरान कुछ दुकानदार पुरानी कीमतों पर सामान बेच सकते हैं, लेकिन आप बिल में नई GST दर देख कर ही सामान खरीदें। अगर दुकानदार नई दर लागू नहीं करता है, तो आप इसकी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। वित्त मंत्री ने कहा, “हमारी कोशिश है कि टैक्स में कटौती का पूरा फ़ायदा ग्राहकों तक पहुँचे। CCI और कर विभाग इस पर नज़र रखेंगे।”