Jaisalmer gang rape: जैसलमेर से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। एक नाबालिग पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी (Hindu Refugees) लड़की के कथित सामूहिक बलात्कार (Gang rape) की भयावह घटना से थर्रा उठा है। पीड़िता का परिवार, जो पाकिस्तान में उत्पीड़न से बचकर आया था, अब एक भयानक त्रासदी का सामना कर रहा है। इस अपराध के विरोध में स्थानीय समुदायों और विश्व हिंदू परिषद (VHP) जैसे कार्यकर्ताओं ने भारी विरोध प्रदर्शन और न्याय की मांग की है। उम्मीद है कि अधिकारी इस घटना की तह तक पहुँचेंगे और यह एक राजनीतिक मुद्दा न बने, बल्कि एक गंभीर अपराध बन जाए।
अपहरण कर किया बलात्कार
कथित तौर पर कई आरोपियों ने लड़की का अपहरण कर उसके साथ बलात्कार किया था। पुलिस की शुरुआती निष्क्रियता की प्रदर्शनकारियों ने कड़ी आलोचना की, जिन्होंने जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर धरना दिया और गिरफ्तारी और कड़ी सजा की मांग की। हालाँकि मामला गंभीर था, फिर भी गिरफ्तारियों में 20 दिनों से ज़्यादा की देरी हुई।
गिरफ्तारी और जाँच की स्थिति
दो संदिग्धों, मेवात के मोहम्मद कुर्बान और मोहम्मद शब्बीर को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिससे न्याय की उम्मीद जगी है। फिर भी, जैसलमेर जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में उचित और पारदर्शी जाँच और कमज़ोर शरणार्थी समूहों की सुरक्षा की माँग के साथ विरोध प्रदर्शन जारी हैं।
इस मामले ने नाबालिग शरणार्थी लड़कियों, खासकर भू-राजनीतिक और धार्मिक अशांति के कारण विस्थापित, के सामने बढ़ती कमज़ोरियों को उजागर किया है। कार्यकर्ता राज्य से इन कमज़ोर समूहों की सुरक्षा और कानूनी सहायता के लिए तंत्र बढ़ाने का आह्वान करते हैं।
न्याय और प्रशासनिक जवाबदेही की माँग
इस घटना ने बेहतर पुलिसिंग और त्वरित न्याय की माँग को और तेज़ कर दिया है। अल्पसंख्यकों और शरणार्थी पीड़ितों के अपराधों से निपटने में धीमी प्रतिक्रिया और आम तौर पर असंवेदनशीलता के लिए अधिकारियों की आलोचना हो रही है।