ओडिशा से अक्षय महाराणा की रिपोर्ट: ओडिशा के अंगुल ज़िले में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है। हण्डपा थाना क्षेत्र के एक गाँव में कुछ लोगों ने आपसी विवाद को लेकर खुद ही ‘गाँव की अदालत’ बैठा डाली और एक महिला को अपमानित करते हुए चप्पलों की माला पहनाकर पूरे गाँव में घुमाया। मामला मात्र 2,000 रुपये का था, लेकिन इस छोटी रकम को लेकर महिला को सामाजिक बेइज्जती का सामना करना पड़ा।
क़ानूनी प्रक्रिया का सहारा लिया
जानकारी के मुताबिक, गाँव के एक व्यक्ति ने महिला पर 2,000 रुपये उधार लेकर न चुकाने का आरोप लगाया। विवाद बढ़ने पर कुछ ग्रामीणों ने आपस में मिलकर बिना किसी क़ानूनी प्रक्रिया का सहारा लिए खुद ही तथाकथित फैसला सुनाया। इसे आम भाषा में ‘कंगारू कोर्ट’ कहा जाता है, जहाँ लोग कानून को दरकिनार कर खुद न्याय करने लगते हैं।ग्रामीणों ने महिला को पकड़कर उसके चेहरे पर कालिख पोत दी और चप्पलों की माला पहनाकर पूरे गाँव में परेड कराई। इस दौरान कई लोग तमाशबीन बने रहे और कुछ ने घटना की वीडियो भी बनाई। महिला की बेइज्जती के इस मामले ने पूरे इलाके में गुस्सा और आक्रोश फैला दिया है।
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हण्डपा थाना पुलिस हरकत में आई
इस तरह का व्यवहार न सिर्फ महिला की गरिमा के खिलाफ है बल्कि यह गंभीर आपराधिक कृत्य भी है। भारतीय क़ानून में किसी भी तरह की ‘कंगारू कोर्ट’ मान्य नहीं है और ऐसे मामलों में शामिल लोगों पर कठोर कार्रवाई हो सकती है।घटना की जानकारी मिलते ही हण्डपा थाना पुलिस हरकत में आई। पुलिस ने मौके पर पहुँचकर पीड़िता का बयान दर्ज किया और इस घटना में शामिल लोगों की पहचान शुरू कर दी है। पुलिस के मुताबिक दोषियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा और कानून के मुताबिक सख्त दंड दिया जाएगा।
जागरूकता अभियान चलाया जाएगा
सिर्फ़ पैसों के विवाद पर महिला को इस तरह अपमानित करना समाज के लिए कलंक की तरह है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार की घटनाएँ ग्रामीण अंचलों में जागरूकता और कानूनी शिक्षा की कमी को उजागर करती हैं। स्थानीय प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए गाँवों में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। साथ ही पुलिस लगातार निगरानी रखेगी ताकि लोग न्याय अपने हाथ में लेने के बजाय कानून की मदद लें।