US Japan Trade Deal: एक तरफ पीएम मोदी की जापान यात्रा से भारत के साथ उसके रिश्ते मजबूत हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ अमेरिका को अरबों डॉलर का नुकसान हुआ है। दरअसल, जापान ने अमेरिका में 550 अरब डॉलर (₹4.82 लाख करोड़) के निवेश पर रोक लगा दी है। ट्रंप के लिए यह खबर ऐसे समय आई है जब अमेरिका ने भारत पर 50% टैरिफ लगा दिया है, जिसकी वजह से पूरी दुनिया में इस फैसले की आलोचना हो रही है। कई बड़े अमेरिकी अर्थशास्त्रियों ने भी ट्रंप की खुलकर आलोचना की है और इसे अमेरिका के लिए खतरनाक बताया है।
आपको बता दें कि जापान के शीर्ष व्यापार वार्ताकार रयोसेई अकाज़ावा 550 अरब डॉलर के निवेश पैकेज को अंतिम रूप देने के लिए अमेरिका जाने वाले थे, लेकिन उन्होंने आखिरी वक्त में यह यात्रा स्थगित कर दी। फिलहाल, अमेरिका न जाने के पीछे की वजह अभी पता नहीं चल पाई है।
550 अरब डॉलर डील पर एक नजर
आपको बता दें कि अमेरिका और जापान पुराने सहयोगी हैं। दुनिया के देशों पर ट्रंप के टैरिफ बम के बाद, दोनों देशों के बीच समझौता हुआ था कि अमेरिका जापानी आयात पर शुल्क 25% से घटाकर 15% कर देगा। बदले में, जापान अमेरिका में 550 अरब डॉलर का निवेश करेगा।
लेकिन इस पर भी ट्रंप ने नया बयान देते हुए कहा कि यह हमारा पैसा है, हम इसे अपनी इच्छानुसार निवेश करेंगे और दावा किया कि 90% लाभ अमेरिका के पास ही रहेगा। जापानी अधिकारियों ने इस पर असहमति जताई और कहा कि निवेश पारस्परिक लाभ के सिद्धांत पर आधारित होना चाहिए।
जापान ने ट्रंप के सामने रखी ये शर्त
ट्रंप के बयान के बाद, जापान ने अमेरिकी सरकार के सामने मांग रखी है कि राष्ट्रपति के टैरिफ आदेश में संशोधन किया जाए और ऑटो पार्ट्स पर शुल्क कम किया जाए। ओवरलैपिंग टैरिफ को समाप्त किया जाए। जापानी प्रवक्ता योशिमासा हयाशी ने कहा कि अमेरिकी प्रशासनिक स्तर पर कुछ मुद्दों पर और बातचीत ज़रूरी है, इसलिए दौरा रद्द कर दिया गया।
कुछ मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पश्चिमी विशेषज्ञों ने ट्रंप की टैरिफ नीति को आत्मघाती कदम बताया है। इस बीच, जापानी मीडिया क्योदो न्यूज ने कहा कि यह निश्चित नहीं है कि अकाजावा अपनी यात्रा का कार्यक्रम पुनर्निर्धारित करेंगे या नहीं, जबकि रॉयटर्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि वह अगले सप्ताह वाशिंगटन का दौरा कर सकते हैं।
पीएम मोदी की जापान यात्रा
प्रधानमंत्री मोदी इस समय जापान की दो दिवसीय यात्रा (29-30 अगस्त) पर हैं। यहाँ जापानी प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने प्रधानमंत्री को 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया है। इस बैठक में रणनीतिक साझेदारी, क्वाड सहयोग और क्षेत्रीय सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी। अंतर्राष्ट्रीय विश्लेषकों का मानना है कि जापान के इस कदम का असर अमेरिका-एशिया संबंधों पर पड़ सकता है और भारत-जापान साझेदारी और भी मज़बूत हो सकती है।
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