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Mamata Banerjee: SIR पर बिफरीं ममता बनर्जी, BJP को लिया आड़े हाथों, दे डाली ये खुली चेतावनी!

SIR in West Bengal: ममता बनर्जी ने कहा कि जब तक वह जीवित हैं, वह राज्य के लोगों के मताधिकार को किसी से छीनने नहीं देंगी।

By: Ashish Rai | Published: August 28, 2025 6:11:06 PM IST



SIR Controvercy: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के सांसद एवं महासचिव अभिषेक बनर्जी ने गुरुवार को राज्य में प्रस्तावित एसआईआर के खिलाफ अपना रोष व्यक्त किया। तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद की एक बैठक को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि जब तक वह जीवित हैं, वह राज्य के लोगों के मताधिकार को किसी से छीनने नहीं देंगी। उन्होंने भाजपा पर राज्य में भाषाई आतंक फैलाने का आरोप लगाया। साथ ही, अभिषेक बनर्जी ने आरोप लगाया कि एसआईआर का इस्तेमाल लोगों को सरकार चुनने के बजाय “मतदाताओं को चुनने के साधन” के रूप में किया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि वैध मतदाताओं को हटाने के किसी भी प्रयास का नई दिल्ली में विरोध किया जाएगा।

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ममता बनर्जी ने लगाए ये गंभीर आरोप

ममता बनर्जी ने कहा कि वे एसआईआर के ज़रिए मताधिकार छीनने की कोशिश कर रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि चुनाव आयोग किसी और का लॉलीपॉप बजा रहा है। वे 22 लाख प्रवासी मजदूरों को बुलाते हैं, जिनका काम अच्छा है उन्हें ले जाते हैं और अब उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं। उन्होंने चुनाव आयोग और भाजपा के बीच मिलीभगत का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि हमारे पास भी 1.5 करोड़ प्रवासी मजदूर हैं, हम उन्हें परेशान नहीं करते। इलेक्शन आते ही एजेंसियों का दबाव बढ़ जाता है। भारतीय जनता पार्टी ने कहा था कि वे हर वर्ष 2 करोड़ लोगों को रोज़गार देंगे, इन 14 वर्षों में कितने करोड़ लोगों की नौकरियाँ छीन लीं, हालाँकि हमने 2 करोड़ लोगों को रोज़गार दिया है। नीति आयोग का कहना है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में वार्षिक बेरोज़गारी दर केवल 22 प्रतिशत थी, राष्ट्रीय स्तर पर यह 3.2 फीसदी थी।

SIR के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन होगा

अभिषेक बनर्जी ने कहा कि क्या आप उन लोगों के ख़िलाफ़ सड़कों पर नहीं उतरेंगे जो SIR के ज़रिए हमारे मताधिकार को छीनने की कोशिश कर रहे हैं? 2026 में बंगाल की जनता इसका करारा जवाब देगी। संविधान ने हर नागरिक को मौलिक अधिकार दिए हैं। उसे छीनने की कोशिश की जा रही है।

उन्होंने कहा कि पहले लोग सरकार चुनते थे, अब सरकार मतदाता चुन रही है। हमने दिल्ली में लड़ाई लड़ी, हमारी महिला सांसदों, एससी, एसटी, आदिवासी प्रतिनिधियों को दिल्ली के कृषि भवन से दिल्ली पुलिस ने घसीटकर बाहर निकाला।

अभिषेक बनर्जी ने कहा कि हम दिल्ली से पैसा भले ही न ला पाए हों, लेकिन हमारी नेता, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 69 लाख जॉब कार्ड धारकों का बकाया भुगतान कर दिया है। अगर हम यह लड़ाई लड़ सकते हैं, तो हम उन 10 करोड़ बंगालियों के लिए भी लड़ेंगे, जिन्हें वे बांग्लादेशी कहते हैं। मैं उन लोगों को जवाब दूँगा जो बंगालियों का अपमान करते हैं और कहते हैं कि बंगाली नाम की कोई भाषा नहीं है।

अपराजिता विधेयक वापस लेने की आलोचना की

उन्होंने कहा कि अपराजिता विधेयक पारित हुए एक साल हो गया है। राज्यपाल ने अपराजिता विधेयक को रोक दिया है। अभिषेक ने आरजी बलात्कार मामले को लेकर सीबीआई पर फिर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मैं उन लोगों का सम्मान करता हूँ जिन्होंने दोषियों को सजा दिलाने के लिए रात में जुलूस निकाला, लेकिन ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली कोलकाता पुलिस ने जो 24 घंटे में किया, वह मोदी की सीबीआई एक साल में भी नहीं कर पाई।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार, कैबिनेट और विधानसभा ने अपराजिता विधेयक पारित कर सितंबर के पहले हफ्ते में राज्यपाल के पास भेज दिया था। इतना समय बीत चुका है कि भाजपा, राज्यपाल और राष्ट्रपति के पास भेजने के बाद भी विधेयक को मंजूरी नहीं मिली है। अब कांग्रेस और सीपीएम इस पर सवाल क्यों नहीं उठा रहे हैं? सड़कों पर क्यों नहीं उतर रहे हैं?

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