करनाल से मुकुल सतीजा की रिपोर्ट: हरियाणा की सैनी सरकार ने 1984 के सिख दंगों में जान गंवाने वाले परिवारों को राहत देने का एलान किया है। इसके तहत हरियाणा सरकार उन परिवार के सदस्यों को सरकारी नौकरी देगी, जिनके परिवार के लोग सिख दंगों में मारे गए थे। सैनी सरकार की इस घोषणा के बाद अब दंगा पीड़ितों ने धन्यवाद दिया है। इंडिया न्यूज की ओर से पीड़ित कवलजीत सिंह से सरकार के इस फैसले और 1984 दंगों को लेकर बातचीत की गई। उन्होंने सरकार के इस फैसले पर संतोष जताया है। हरियाणा में लगभग 121 परिवार ऐसे हैं, जिन्होंने दंगों में अपनों को खोया है। यह अलग बात है कि पीड़ित परिवार उस दौरान दिल्ली में था जब ये दंगे हुए थे। दंगों में कंवलजीत और उनके पिता को चोट आई थी। कुछ समय बाद पिता की मौत हो गई। परिवार पिछले लंबे समय से करनाल रह रहा है।
40 सालों के बाद आया फैसला
करनाल की शिव कॉलोनी में रहने वाले कंवलजीत के पिता पूर्व सिंह की 1984 सिख दंगों में मौत हुई थी। कंवलजीत ने कहा कि सबसे पहले मैं मुख्यमंत्री का धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने सिखों के जख्मों पर मरहम लगाने का काम किया है। उनको मेरा सेल्यूट है। 40 सालों के बाद ऐसा फैसला आया है। अब तक किसी भी मुख्यमंत्री ने ऐसा नहीं किया जो इस मुख्यमंत्री ने किया है। उन्होंने सिखों के बारे में सोचा है। उन्होंने कहा कि 1984 के दंगों के बारे में जब बात सामने आती है। ऐसा लगता है जैसे कल की बात हो। कंवलजीत ने बताया कि परिवार ने अपनी मेहनत मजदूरी की और छोटा मोटा गुजर बसर कर रहे हैं। उन्होंने बताया उस दौरान उन्हें भी काफा चोटे लगी थी। उनके भी हार्ड के दो ऑपरेशन हो चुके हैं। चोट लगने से एक ऑपरेशन 1984 में हुआ था और दूसरा ऑपरेशन 2004 में हुआ था।
विधानसभा अध्यक्ष के सामने रखी अपनी बात
आपको बता दें कि विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पीड़िता परिवार के लिए घोषणा की है। नायब सैनी ने विधानसभा अध्यक्ष के सामने रखते हुए कहा कि 1984 सिख विरोधी दंगों के दौरान हरियाणा प्रदेश के लगभग 20 गुरुद्वारों, 221 मकानों, 154 , तीन रेल डिब्बों और 85 वाहनों को जलाकर राख कर दिया था।