Rajnath Singh On Pakistan: भारतीय नौसेना ने मंगलवार को प्रोजेक्ट 17A कार्यक्रम के तहत दो स्टील्थ फ्रिगेट – आईएनएस उदयगिरि और आईएनएस हिमगिरि – को एक साथ नौसेना में शामिल करके एक बड़ी उपलब्धि हासिल की। विशाखापत्तनम स्थित पूर्वी नौसेना कमान में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की।
ऑपरेशन सिंदूर की याद दिलाते हुए रक्षामंत्री ने कहा कि, “हमारा उद्देश्य शक्ति प्रदर्शन करना नहीं है। भारत ने कभी भी आक्रामक विस्तारवाद में विश्वास नहीं किया है और दुनिया जानती है कि हमने कभी किसी देश पर पहले हमला नहीं किया। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम कभी पीछे हटेंगे। जब हमारी सुरक्षा पर हमला होता है, तो हम उचित जवाब देना जानते हैं।
हमारे निर्दोष नागरिकों पर हाल ही में हुआ हमला हमारे लिए एक चुनौती था और हमने बहुत सोच-समझकर और सावधानी से इसका जवाब दिया। ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए हमने आतंकवादी ठिकानों को जड़ से खत्म करने का संकल्प लिया और इसे सफलतापूर्वक अंजाम दिया।” उन्होंने आगे कहा, ” ऑपरेशन खत्म नहीं हुआ है, बस रुका हुआ है।”
रक्षा मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय नौसेना की भूमिका की भी सराहना की। राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि अगर नौसेना को पूरी तरह से जवाबी कार्रवाई करने का मौका दिया जाता, तो नतीजे कुछ और होते।
VIDEO | Visakhapatnam: Defence Minister Rajnath Singh (@rajnathsingh) receives a Guard of Honour ahead of the commissioning ceremony of Indian Navy stealth frigates.
(Source: Third Party)
(Full video available on PTI Videos – https://t.co/n147TvrpG7) pic.twitter.com/MCSpS6ZrOS
— Press Trust of India (@PTI_News) August 26, 2025
गिनवाई नए युद्धपोतों की ताकत
रक्षा मंत्री ने फ्रिगेट्स की क्षमताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा, “गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) द्वारा निर्मित आईएनएस हिमगिरि और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड द्वारा निर्मित आईएनएस उदयगिरि, दोनों ही आधुनिक युद्धपोत हैं जिनका निर्माण स्वदेशी रूप से किया गया है… मुझे बताया गया है कि इन युद्धपोतों में कई उन्नत क्षमताएँ हैं।
ये लंबी दूरी की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों, सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइलों, स्वदेशी रॉकेट लॉन्चरों, टॉरपीडो लॉन्चरों, युद्ध प्रबंधन प्रणालियों और अग्नि नियंत्रण प्रणालियों को समायोजित कर सकते हैं। ये दोनों युद्धपोत समुद्र में खतरनाक अभियानों में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले साबित होंगे…”
हमने ऑपरेशन सिंदूर में बखूबी प्रदर्शन किया – एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी
अपने संबोधन में, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने कहा, “अनिश्चितताओं और प्रतिस्पर्धा के इस दौर में, समुद्र में भारी ताकत झोंकने की भारतीय नौसेना की क्षमता भारत के दुश्मनों के खिलाफ एक विश्वसनीय प्रतिरोध है। हमने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इसका बखूबी प्रदर्शन किया। हमारी इकाइयों की त्वरित तैनाती और आक्रामक रुख ने पाकिस्तानी नौसेना को एक तरह से बंदी बना लिया और उन्हें हमसे कार्रवाई बंद करने का अनुरोध करने पर मजबूर कर दिया।”
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, उन्होंने आगे कहा, ” कुछ दिन पहले, आईएनएस विक्रांत के डेक से, आपने भारतीय नौसेना को आश्वासन दिया था कि ऑपरेशन सिंदूर समाप्त नहीं हुआ है, और अगर फिर से जरूरत पड़ी, तो भारतीय नौसेना ही इसका उद्घाटन करेगी।”
#WATCH | Visakhapatnam, Andhra Pradesh: Chief of Naval Staff, Admiral Dinesh Kumar Tripathi says, “In this era of uncertainties and competition, Indian Navy’s capability to deliver an overwhelming force at sea is a credible deterrence against India’s enemies. We demonstrated it… https://t.co/F9ahTPoAFv pic.twitter.com/6LlEy0rY9j
— ANI (@ANI) August 26, 2025
दो युद्धपोतों का एक साथ कमीशन, पहली बार
यह पहली बार है जब अलग-अलग शिपयार्ड में निर्मित दो अग्रणी युद्धपोतों को एक साथ कमीशन किया गया। उदयगिरि का निर्माण मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) में किया गया था, जबकि हिमगिरि का निर्माण कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) में किया गया था।
सोमवार देर रात X पर प्रकाशित एक बयान में, भारतीय नौसेना ने इस अवसर के महत्व पर प्रकाश डाला: “दो अत्याधुनिक लड़ाकू प्लेटफॉर्म भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल हो गए हैं, जो समुद्र में भारत की ताकत को और मज़बूत करेंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस महत्वपूर्ण कमीशन समारोह की अध्यक्षता करेंगे।”