Fatty Liver Disease: फैटी लिवर डिजीज आज के समय में बहुत आम समस्या बन चुकी है। यह ऐसी स्थिति है जिसमें लिवर में जरूरत से ज्यादा चर्बी जमा हो जाती है। समस्या तब बढ़ जाती है जब इसे नजरअंदाज कर दिया जाता है, क्योंकि धीरे-धीरे यह लिवर में सूजन, सिरोसिस (लिवर का सख्त होना) और आखिरकार लिवर कैंसर का रूप ले लेता है। WHO (World Health Organization) भी चेतावनी दे चुका है कि अगर आप फैटी लिवर के मरीज हैं और इसे गंभीर बीमारियों से बचाना चाहते हैं, तो रोजाना की कुछ गलतियों को तुरंत सुधारना होगा।आइए जानते हैं वो 6 आदतें, जो फैटी लिवर को कैंसर में बदल सकती हैं।
1. ज्यादा शराब पीना
WHO के मुताबिक, अत्यधिक शराब का सेवन फैटी लिवर को लिवर कैंसर में बदलने का सबसे तेज कारण है। शराब लिवर की कोशिकाओं को नष्ट करती है और सूजन को बढ़ाती है।लंबे समय तक शराब पीने से फाइब्रोसिस और सिरोसिस की समस्या हो जाती है, जिससे लिवर धीरे-धीरे काम करना बंद कर देता है।
2. ज्यादा चीनी और मीठा खाना
सॉफ्ट ड्रिंक्स, मिठाइयाँ, पैकेज्ड जूस और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट फैटी लिवर को और खराब कर देते हैं।रिसर्च में पाया गया है कि मीठे पेय पदार्थ रोजाना लेने वाले लोगों में फैटी लिवर का खतरा 40% अधिक होता है। लगातार हाई ब्लड शुगर से लिवर में फैट जमा होता है और यह सूजन के साथ कैंसर का खतरा बढ़ाता है।
3. आलसी और अनहेल्दी लाइफस्टाइल
आजकल के दौर में लोग घंटों तक कंप्यूटर या मोबाइल पर बैठे रहते हैं। WHO कहता है कि “Sitting is the new smoking” यानी बहुत देर तक बैठे रहना भी उतना ही खतरनाक है जितना धूम्रपान करना। फिजिकल एक्टिविटी की कमी से लिवर में चर्बी तेजी से जमा होने लगती है और उसका कामकाज बिगड़ जाता है।
4. ज्यादा जंक फूड और तली-भुनी चीजें
पिज्जा, बर्गर, फ्रेंच फ्राइज, नूडल्स और पैकेज्ड स्नैक्स में मौजूद ट्रांस फैट और प्रिजरवेटिव्स लिवर पर दबाव डालते हैं।लंबे समय तक जंक फूड खाने से फैटी लिवर सिरोसिस और कैंसर तक पहुंच सकता है।
5 नींद की कमी और लगातार तनाव
WHO के अनुसार, कम नींद और स्ट्रेस लिवर की सेल रिपेयर प्रक्रिया को बाधित करते हैं।नींद पूरी न होने से हार्मोनल असंतुलन होता है और शरीर का डिटॉक्स सिस्टम बिगड़ जाता है। इससे लिवर में फैट और ज्यादा जमा होता है और कैंसर का खतरा बढ़ता है।
6 लक्षणों को नजरअंदाज करना
फैटी लिवर के शुरुआती लक्षण हल्के होते हैं जैसे –लगातार थकान,पेट में भारीपन या दर्द,पेट फूलनाअक्सर लोग इन्हें छोटी-मोटी समस्या समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। इससे बीमारी का समय पर पता नहीं चलता और यह धीरे-धीरे कैंसर का रूप ले लेती है।
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. inkhabar इसकी पुष्टि नहीं करता है