Hartalika Teej 2025 Aarti : आज यानी 26 अगस्त को हरतालिका तीज का त्योहार है और हर कोई इस त्योहार में डूबा हुआ है. ये त्योहार सुहागिन औरतों के लिए बहुत जरूरी माना जाता है. आज के दिन पार्वती माता और शिव जी की पूजा होती है. धार्मिक मान्यताओं की मानें तो ऐसा कहा जाता है कि आज के दिन महिलाएं अपनी पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और पूजा-पाठ करती हैं. कहा जाता है कि ये व्रत बहुत ज्यादा कठिन होता है, क्योंकि इस व्रत में न तो पानी पीते हैं और न ही कोई अन्य खाते हैं.
आज के दौरान पूजा-आरती को काफी महत्तव दिया जाता है और शिव पार्वती की आरती के बिना ये व्रत पूरा नहीं माना जाता है. अगर आपको आरती नहीं आती है तो कोई बात नहीं, नीचे हमने आपके लिए आरती दी हुई है- जिसे पढ़ कर अपना व्रत पूरा करें-
शिव जी की आरती (Lord Shiv Aarti)
“जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव…॥
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव…॥”
।।माता पार्वती की आरती।। (Mata Parvati Ki Aarti)
“जय पार्वती माता जय पार्वती माता
ब्रह्म सनातन देवी शुभ फल कदा दाता।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता
जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुणगु गाता।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
सिंह को वाहन साजे कुंडल है साथा
देव वधुजहं गावत नृत्य कर ताथा।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
सतयुग शील सुसुन्दर नाम सती कहलाता
हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
शुम्भ निशुम्भ विदारेहेमांचल स्याता
सहस भुजा तनुधरिके चक्र लियो हाथा।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
सृष्टि रूप तुही जननी शिव संग रंगराता
नंदी भृंगी बीन लाही सारा मदमाता।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
देवन अरज करत हम चित को लाता
गावत दे दे ताली मन मेंरंगराता।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
श्री प्रताप आरती मैया की जो कोई गाता
सदा सुखी रहता सुख संपति पाता।
जय पार्वती माता मैया जय पार्वती माता।”