Top 5 Side Actors : बॉलीवुड फिल्मों की बात आते ही ज्यादातर लोग हीरो-हीरोइन पर ही ध्यान देते हैं. कौन लीड रोल में है, किसने क्या पहना, कौन सा डायलॉग मारा – ऐसी चर्चाएं आम हैं. मगर क्या आपने कभी उन कलाकारों पर ध्यान दिया है जो फिल्म में तो साइड रोल में होते हैं, लेकिन अपने दमदार अभिनय से पूरी फिल्म पर छा जाते हैं? तो आज हम बात करेंगे कुछ ऐसे ही एक्टर्स की, जिन्होंने स्क्रीन पर सीमित समय मिलने के बावजूद अपनी एक्टिंग से लीड एक्टर्स को भी पीछे छोड़ दिया.
लीड एक्टर्स के छुड़ाए छक्के
रणवीर सिंह जैसे बड़े स्टार के सामने किसी नए कलाकार का चमकना आसान नहीं होता. लेकिन 2019 की ऑस्कर भेजी गई फिल्म गली बॉय में सिद्धांत चतुर्वेदी ने ये कर दिखाया. एमसी शेर के किरदार में उन्होंने इतनी एनर्जी झोंक दी कि लोगों की नजरें उन्हीं पर टिक गईं. इस रोल के बाद इंडस्ट्री ने भी उन्हें सीरियस से लेना शुरू कर दिया और अब वे कई बड़ी फिल्मों में बतौर हीरो नजर आ रहे हैं.

‘तानाजी’ और ‘लक्ष्मी’ में भले ही शरद केलकर मेन रोल में नहीं थे, लेकिन तानाजी में छत्रपति शिवाजी महाराज के रूप में उनकी एक्टिंग लोगों को बहुत इंप्रेस करती है. वहीं फिल्म लक्ष्मी में उनके ट्रांसजेंडर रोल को लोगों ने खूब सराहा, भले ही फिल्म को उतनी सफलता न मिली हो. इन दोनों फिल्मों में उन्होंने अपने किरदारों को इतनी शिद्दत से निभाया कि स्क्रीन टाइम कम होने के बावजूद उनकी याद बनी रही.

फिल्म किक में जब नवाजुद्दीन सिद्दीकी ‘शिव गजरा’ बनकर सामने आए, तो लोगों ने सीटी मारकर उनका स्वागत किया. उनकी डरावनी हंसी और क्रूर अंदाज फिल्म की जान बन गई. यही नहीं, रईस में शाहरुख खान के सामने पुलिस अफसर के रोल में भी उन्होंने जोरदार टक्कर दी. इन भूमिकाओं ने साबित कर दिया कि नवाजुद्दीन जैसे कलाकारों को साइड रोल कहना ही गलत है.

पंकज त्रिपाठी का नाम आते ही एक भरोसेमंद और दमदार कलाकार की छवि उभरती है. निल बट्टे सन्नाटा जैसी संजीदा फिल्म में भी उन्होंने प्रिंसिपल श्रीवास्तव का किरदार कुछ इस तरह निभाया कि लोग स्वरा भास्कर की जगह उन्हें ज्यादा याद करने लगे. यही उनकी ताकत है – चाहे रोल छोटा हो या बड़ा, वे अपने अभिनय से हर फ्रेम को जिंदा कर देते हैं.

तनु वेड्स मनु सीरीज में पप्पी जी का किरदार निभाने वाले दीपक डोबरियाल ने ये साबित कर दिया कि एक साइड करैक्टर भी फिल्म का हीरो बन सकता है. उनकी कॉमिक टाइमिंग, भोली सूरत और मासूम डायलॉग डिलीवरी ने उन्हें लोगों के दिलों का चहेता बना दिया. आज भी जब फिल्म का नाम लिया जाता है, तो पप्पी जी की चर्चा जरूर होती है.
असली हीरो वही, जो दिल जीत ले
बॉलीवुड में भले ही लीड रोल को सबसे ज्यादा तवज्जो दी जाती हो, लेकिन असली कलाकार वही होता है जो अपने किरदार से लोगों का दिल जीत ले – चाहे वो पर्दे पर 5 मिनट के लिए ही क्यों न हो. इन कलाकारों ने ये दिखाया कि एक्टिंग स्क्रिप्ट की लाइन से नहीं, आत्मा से की जाती है.